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सिर्फ इस 1 मंत्र का जाप करने से मिलेगा पूरी रामायण पढ़ने का फायदा

By admin

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 सोशल संवाद डेस्क : रामायण का पाठ करने के अनेको लाभ होते हैं। जो भी व्यक्ति रामायण का पाठ करता है, वो जीवन में कभी भी गलत मार्ग में नहीं चल सकता है। रामायण में बताया गया है, कैसे धर्म के अनुसार कर्म करना चाहिए। अधर्म के मार्ग में चलने वाले की कभी भी विजय नहीं होती है। एक दिन ऐसा आता है, जब अधर्मी व्यक्ति का पतन हो जाता है। रामायण के पाठ करने से जीवन में सकारात्मकता का प्रवेश होता है और नकारात्मकता दूर हो जाती है। रामायण के पाठ से आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है।

आज की व्यस्त जीवनशैली में रामायण का नित्य पाठ करना संभव नहीं है, इसलिए आज हम आपको एक श्लोक के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके पाठ करने से आपको संपूर्ण रामायण पाठ करने के समान ही फल मिलेगा। इस श्लोक को एक श्लोकी रामायण भी कहा जाता है।

एक श्लोकी रामायण
आदौ राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्।
वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्।।
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्।
पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्।।

श्लोक का भावार्थ-
श्रीराम वनवास गए, वहां उन्होने स्वर्ण मृग का वध किया। रावण ने सीताजी का हरण कर लिया, जटायु रावण के हाथों  मारा गया। श्रीराम और सुग्रीव की मित्रता हुई। श्रीराम ने बालि का वध किया। समुद्र पार किया। लंका का दहन किया। इसके बाद रावण और कुंभकर्ण का वध किया। यही है सम्पूर्ण रामायण ।

कहा जाता है नित्य नियम से इस एक श्लोकी रामायण का मंत्र जाप भी किया जा सकता है, वैसे 108 बार इस मंत्र का जाप करना चाहिए मगर संभव न हो तो इस एक श्लोकी रामायण का 7, 14 या 21 बार भी इसका पाठ किया जा सकता है।

 

 

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