सोशल संवाद/डेस्क: 10 साल के बच्चे भी अपना अकाउंट खोल सकेंगे और उसे ऑपरेट कर सकेंगे। आरबीआई ने 10 साल से अधिक उम्र के बच्चों को बैंक अकाउंट खोलने और ऑपरेट करने की अनुमति दे दी है। केंद्रीय बैंक ने इस बारे में बैंकों को गाइडलाइन जारी की है। उन्हें अपनी मां को अभिभावक के रूप में रखकर भी ऐसे खाते खोलने की अनुमति दी जा सकती है। आरबीआई ने सोमवार को बैंकों को 10 वर्ष से अधिक आयु के नाबालिग बच्चों को स्वतंत्र रूप से सेविंग, एफडी डिपॉजिट अकाउंट खोलने और ऑपरेट करने की अनुमति दे दी। केंद्रीय बैंक ने इस संदर्भ में नाबालिगों के जमा खाते खोलने और ऑपरेट करने को लेकर रिवाइज्ड गाइडलाइंस जारी की हैं।
यह भी पढ़े : जेवियर पब्लिक स्कूल में पृथ्वी दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मना
1 जुलाई से बैंकों में होगा लागू :
आरबीआई आरबीआई की ओर से 1 जुलाई से सभी बैंकों में से लागू करने को लेकर सर्कुलेशन जारी कर दिया गया है। अभी तक 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के बैंक अकाउंट को ओपन तो कराया जा सकता था, लेकिन उसे पूरी तरह से ऑपरेट करने की जिम्मेदारी माता-पिता या यूं कहें कि गार्जियन की थी। अब इस नियम में बदलाव आरबीआई ने कर दिए हैं।
आरबीआई ने कॉमर्शियल बैंकों और सहकारी बैंकों को जारी एक सर्कुलर में कहा कि किसी भी आयु के नाबालिगों को अपने प्राकृतिक या कानूनी अभिभावक के माध्यम से सेविंग और फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट खोलने और ऑपरेट करने की अनुमति दी जा सकती है। उन्हें अपनी मां को अभिभावक के रूप में रखकर भी ऐसे खाते खोलने की अनुमति दी जा सकती है। सर्कुलर के मुताबिक बैंक अपनी रिस्क मैनेजमेंट पॉलिसी को ध्यान में रखते हुए राशि और शर्त तय कर सकते हैं। इस बारे में जो भी नियम और शर्तें तय की जाती हैं, उस बारे में खाताधारक को जानकारी दी जाएगी।
सर्कुलर में कहा गया कि बैंक अपनी रिस्क मैनेजमेंट पॉलिसी, उत्पाद और ग्राहकों के आधार पर नाबालिग खाताधारकों को इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम/डेबिट कार्ड, चेक बुक सुविधा आदि जैसी अतिरिक्त सुविधाएं देने के लिए स्वतंत्र हैं। बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि नाबालिगों के खाते, चाहे वे स्वतंत्र रूप से संचालित हों या अभिभावक के माध्यम से, उनसे अधिक निकासी न हो और इसमें हमेशा राशि रहे। आरबीआई ने कहा कि इसके अलावा, बैंक नाबालिगों के जमा खाते खोलने के लिए ग्राहक की उचित जांच-पड़ताल करेंगे और इसे आगे भी जारी रखेंगे।