सोशल संवाद / नई दिल्ली: कांग्रेस ने बिहार के दरभंगा में लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी को दलित, वंचित और पिछड़े वर्ग के छात्रों से मिलने से रोकने के प्रयासों की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह घटना लोकतंत्र और बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान की पूरी तरह से अवमानना है।
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर पोस्ट करते हुए सवाल किया कि अब क्या दलित, वंचित, पिछड़े वर्ग के छात्रों से संवाद करना संविधान के खिलाफ है? क्या उनकी शिक्षा, उनकी भर्ती परीक्षा और नौकरियों के बारे में उनसे बातचीत करना कोई पाप है? जदयू-भाजपा सरकार द्वारा ‘शिक्षा न्याय संवाद’ कार्यक्रम में राहुल गांधी को शामिल होने से रोकना तानाशाही की पराकाष्ठा है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की जन्मस्थली, बिहार इस अन्याय को याद रखेगी और समय आने पर जदयू-भाजपा को इसका उचित जवाब भी देगी।
नई दिल्ली स्थित कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए पार्टी के ओबीसी विभाग के चेयरमैन डॉ. अनिल जयहिंद और बिहार के लिए एआईसीसी की संचार समन्वयक रितु चौधरी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को केंद्र की मोदी सरकार की कठपुतली बताते हुए कहा कि वे राहुल गांधी को दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों से मिलने से रोकना चाहते हैं। डॉ. जयहिंद ने कहा कि एनडीए सरकार दलितों, पिछड़ों, अति पिछड़ों और आदिवासियों की शिक्षा में लगातार बाधा डालने का प्रयास कर रही है। उनके वजीफे बंद किए जा रहे हैं, सरकारी स्कूलों और कॉलेजों की हालत बिगाड़ी जा रही है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण लागू नहीं किया जा रहा है।
डॉ. जयहिंद ने राहुल गांधी को सामाजिक न्याय आंदोलन का योद्धा बताया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी वंचित वर्गों की लड़ाई लड़ रहे हैं। अगर केंद्र की मोदी या बिहार की नीतीश सरकार सोचती है कि वे राहुल गांधी जी को रोक लेंगे, तो यह उनकी गलतफहमी है। मनुवादी ताकतें अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होंगी। केंद्र सरकार को राहुल गांधी की देश में जातिगत जनगणना कराने की मांग के आगे झुकना पड़ा। आज फिर से राहुल गांधी ने दरभंगा में निजी शिक्षण संस्थानों में दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों को आरक्षण देने की आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने राहुल गांधी को रोकने का बहुत प्रयास किया, लेकिन वे उन्हें रोक नहीं पाए।
रितु चौधरी ने पूछा कि क्या देश में इमरजेंसी लगी हुई है कि नेता विपक्ष को छात्रों से मिलने से रोकने की कोशिश की गई और सरकार क्यों डर रही है? उन्होंने आगे कहा कि सरकार इसलिए डर रही है कि क्योंकि छात्र राहुल गांधी के समक्ष छात्रावासों में होने वाले अत्याचारों और भेदभाव की पोल खोल देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार दलितों, पिछड़ों और ओबीसी समाज के 90 प्रतिशत लोगों के जागृत होने से डरती है, क्योंकि अगर ऐसा हो गया तो सत्ता पलट जाएगी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सामाजिक न्याय की क्रांति की शुरुआत की थी और आज देश का बच्चा-बच्चा उस क्रांति का हिस्सा बन गया है। सरकार दलितों, पिछड़ों और वंचितों को दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन राहुल गांधी उन्हें न्याय दिलाने के लिए हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे।