सोशल संवाद / दिल्ली : दिल्ली के गृह मंत्री आशीष सूद ने कहा कि माननीय गृह मंत्री जी का स्वागत केवल उनकी मंच पर उपस्थिति के लिए नहीं, बल्कि उनके द्वारा प्रदत्त दिशा, दृष्टि और बिना किसी दबाव के कार्य करने की शैली के लिए है। उन्होंने कहा कि इसी कार्यशैली ने हमें वह कार्य करने की शक्ति दी है, जो दशकों से केवल फाइलों में बंद पड़े थे।
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उन्होंने 28 फरवरी को याद करते हुए आगे बताया कि सरकार के गठन के तुरंत बाद, माननीय गृह मंत्री जी ने दिल्ली सरकार को कानून व्यवस्था के संबंध में जो मार्गदर्शन दिया, उसी के परिणामस्वरूप दिल्ली में बदलाव की एक नई लहर आई। यह केवल प्रशासनिक परिवर्तन नहीं था, बल्कि यह सोच में आया एक बड़ा बदलाव था।
आशीष सूद ने बताया कि गृह मंत्री के मार्गदर्शन में दिल्ली में 840 वर्चुअल कोर्ट स्थापित करने की दिशा में निर्णायक कदम उठाए गए हैं। लामपुर में नया रेस्ट्रिक्शन सेंटर शीघ्र ही शुरू होने वाला है, वहीं नरेला में हाई-सिक्योरिटी जेल कॉम्प्लेक्स के निर्माण का रास्ता भी साफ हो गया है।उन्होंने आगे कहा कि फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) में 100 इंटर्न्स की भर्ती कर मानव संसाधन को सशक्त किया गया है, जिससे न्याय प्रक्रिया अधिक पारदर्शी हो रही है। इसके अलावा, छह मोबाइल फॉरेंसिक व्हीकल्स की व्यवस्था की गई है और दिल्ली की मेडिको-लीगल प्रणाली को अधिक पारदर्शी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए “MedLePar” का शुभारंभ किया गया है।
आशीष सूद ने 1 जुलाई 2024 को भारत के न्यायिक इतिहास का स्वर्णिम दिन बताते हुए कहा कि इसी दिन तीन नए ऐतिहासिक आपराधिक कानून लागू किए गए, जिनका आज उत्सव मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने 60 वर्षों तक देश में शासन किया, वे इस व्यवस्था को बदलने का साहस नहीं जुटा सके, लेकिन गृह मंत्री ने वह करके दिखाया है। उन्होंने आगे कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और गृह मंत्री जी की निगरानी में न्याय व्यवस्था के ‘Judicial De-colonization’ की दिशा में ऐतिहासिक कार्य हो रहे हैं।