---Advertisement---

दिल्ली पूरी तरह से सेफ ज़ोन में है’- मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यमुना घाट और नियंत्रण तंत्र का किया व्यापक निरीक्षण

By Tamishree Mukherjee

Published :

Follow
दिल्ली पूरी तरह से सेफ ज़ोन में है’

Join WhatsApp

Join Now

सोशल संवाद / नई दिल्ली : दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज राजधानी में यमुना नदी और उससे सटे क्षेत्रों में बाढ़ प्रबंधन एवं तैयारियों की व्यापक समीक्षा की। मुख्यमंत्री का दौरा असीता घाट से प्रारंभ होकर यमुना छठ घाट, डीएम ईस्ट कार्यालय, 12 नंबर रेगुलेटर और कंट्रोल रूम तक चला। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रवेश साहिब सिंह भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी की मात्रा और ऊपरी यमुना क्षेत्र में भारी वर्षा को देखते हुए केंद्रीय जल आयोग द्वारा जारी की गई एडवाइज़री के तहत दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 206 मीटर तक पहुंचने की संभावना है।

यह भी पढ़े : लोकसभा में अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला पर विशेष चर्चा:जितेंद्र सिंह बोले- देश सफल अंतरिक्ष मिशन का जश्न मना रहा है, विपक्ष नारेबाजी कर रहा

मुख्यमंत्री ने बताया कि यमुना में इस समय एक लाख से अधिक क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, लेकिन वह बिना अवरोध व उतनी ही गति से आगे भी बढ़ रहा है, जबकि पहले ऐसा नहीं होता था, जिसके कारण जलभराव की स्थिति बनती थी। उन्होंने जानकारी दी कि हमारी सरकार ने इस बार यमुना के जलस्तर से जुड़े सभी पहलुओं की बारीकी से मॉनिटरिंग की है।

लगातार विभागीय टीमें पानी की स्थिति, छोड़े गए पानी के डिस्चार्ज और उसके बहाव पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि अगस्त-सितंबर 2023 में दिल्ली ने एक अभूतपूर्व बाढ़ का सामना किया, जब यमुना का जलस्तर 208.6 मीटर तक पहुंच गया था और कई रिहायशी इलाके जलमग्न हो गए, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ था। तब नालों की डी-सिल्टिंग और बैराजों की व्यवस्थाएँ ठीक नहीं थीं, यहां तक कि आईटीओ बैराज के गेट भी बंद और जाम पड़े थे। लेकिन इस बार पिछले छह महीनों से लगातार काम करके आईटीओ बैराज के सभी गेट पूरी तरह से खोल दिए गए हैं और नालों की डी-सिल्टिंग पूरी होने से उनकी क्षमता भी बढ़ गई है। सरकार ने हर स्तर पर पूरी तैयारी कर रखी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने इस वर्ष मानसून से पहले ही तैयारी को एक्शन मोड में डाल दिया है। जलभराव वाले प्रमुख इलाकों की पहचान कर वहां नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। साथ ही पीडब्लूडी , सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग और एमसीडी जैसे विभागों ने नालों की सफाई का काम भी तेज़ कर दिया है। पंप हाउस की जांच हो चुकी है और मोबाइल पंप भी तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यदि थोड़ी बहुत समस्या आती भी है तो वह केवल फ्लड प्लेन क्षेत्रों तक ही सीमित रहेगी, क्योंकि वहां पानी आना स्वाभाविक है। ऐसे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को प्रशासन ने पहले ही सचेत कर दिया है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के लिए आवश्यक इंतज़ाम कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि शहर में कहीं भी बाढ़ जैसी स्थिति पैदा नहीं होगी। सभी विभाग 24 घंटे सतर्क रहकर काम कर रहे हैं और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्लीवासियों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, उनकी सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए राहत और बचाव कार्यों के लिए 14 अहम जगहों पर नावों की तैनाती की गई है। साथ ही यमुना का पानी मुख्य सड़कों तक न पहुंचे और ट्रैफिक प्रभावित न हो, इसके लिए सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग को सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए है। साथ ही सभी रेगुलेटर्स को पूरी तरह चालू रखने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि डीएम ईस्ट के कार्यालय में  “सेंट्रल फ्लड कंट्रोल रूम” की शुरुआत कर दी गई है। यह केंद्र अब पूरे दिल्ली के लिए एक केंद्रीय समन्वय केंद्र के रूप में कार्य कर रहा है और सभी सिविक एजेंसियों के प्रतिनिधि यहां 24×7 तैनात हैं। उन्होंने कहा कि इस साल शहर में सेंट्रल कंट्रोल रूम सहित 15 वायरलेस स्टेशन स्थापित किए जा चुके हैं, जो यमुना के जलस्तर सहित जलभराव वाले इलाकों की हर समय निगरानी कर रहे हैं। साथ ही राहत और बचाव कार्य में इस्तेमाल होने वाले सभी उपकरणों की जांच पूरी कर ली गई है और सम्बंधित विभागों ने यमुना खादर क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के पुख़्ता इंतज़ाम कर रखे हैं।

YouTube Join Now
Facebook Join Now
Social Samvad MagazineJoin Now
---Advertisement---