सोशल संवाद/दिल्ली(रिपोर्ट – सिद्धार्थ प्रकाश ) : दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है कि यह अफसोसजनक है कि आम आदमी पार्टी महापौर डा. शैली ओबरॉय जियोटैगिंग के मामले मे जनता की समस्याओं को समझने की बजाये हठधर्मी कर रही हैं। महापौर डा. ओबरॉय द्वारा संचालित दिल्ली नगर निगम प्रशासन दिल्ली के संपत्ति मालिकों, खासकर छोटे आवासीय फ्लोर और फ्लैटों के मालिकों को परेशान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। एक घोषणा में एमसीडी ने लोगों के लिए यह अनिवार्य कर दिया है कि यदि वे वर्ष 2024-25 के लिए कर राहत लेना चाहते हैं तो उन्हें अपनी संपत्तियों की जियोटैगिंग की प्रक्रिया 31 जनवरी 2024 तक पूरी करनी होगी।
कपूर ने कहा कि जियोटैगिंग एक तकनीकी कार्य है, जिसे हर छोटा-बड़ा संपत्ति मालिक खुद नहीं कर सकता। दिल्ली में एमसीडी के अंतर्गत यू.पी.आई.सी. के तहत पंजीकृत 16 लाख से अधिक आवासीय संपत्तियां हैं और कोई यह नहीं समझ पा रहा है कि एमसीडी 16 लाख संपत्ति मालिकों से लगभग 50 दिनों में जियोटैगिंग पूरा करने की उम्मीद कैसे करती है। सम्पत्तियों का यू.पी.आई.सी. नंबर बनाने की प्रक्रिया को एक निर्णायक संख्या तक पहुंचने में लगभग 3 साल लग गए और यह अभी भी पूरा नहीं हुआ है। महापौर की 16 लाख लोगों से 50 दिनों में जियोटैगिंग पूरा करने की उम्मीद करना दर्शाता है कि एमसीडी नेतृत्व कितना असंवेदनशील है। कपूर ने कहा कि आज भी जियोटैगिंग प्रक्रिया के लिए एमसीडी की वेबसाइट नहीं खुल रही है।
दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता ने कहा है कि ऐसा लगता है कि आप शासित एमसीडी लोगों को एमसीडी कर्मचारियों या ऑनलाइन सेवा प्रदाताओं द्वारा शोषण करने के लिए मजबूर करने की कोशिश कर रही है क्योंकि किसी भी आम आदमी से यू.पी.आई.सी. और जियोटैगिंग औपचारिकताओं को पूरा करने की उम्मीद नहीं की जा सकती है।
दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता ने दिल्ली की महापौर डॉ. शैली ओबेरॉय से कहा की हठधर्मी छोड़ कर आम लोगों के उत्पीड़न को रोकने के लियें जियोटैगिंग और यू.पी.आई.सी. पंजीकरण को पूरा करने की तारीख को 31 दिसंबर 2024 तक बढ़ाया जाये। कपूर ने महापौर से आर.डब्ल्यू.ए. को शामिल करके जियोटैगिंग औपचारिकताओं पर लोगों को शिक्षित करने के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने की मांग भी की है।