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डेंगू ले रहा है महामारी का रूप पीड़ितों के प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए बढ़ी बकरी के दूध की मांग

By admin

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सोशल संवाद / डेस्क :  जमशेदपुर में डेंगू अब महामारी का रूप लेता जा रहा है। इस साल जुलाई से अब तक 435 मरीज मिल चुके हैं। इनमें से तीन की मौत हो गई है। इससे लोग डरे हुए हैं। डेंगू मरीजों में प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए लोग बकरी के दूध का उपयोग करने लगे हैं। ऐसे में तीन महीने पहले 200 रुपए लीटर बिकने वाले बकरी के दूध की कीमत अब 1000 रुपए लीटर पर पहुंच गया है। बकरी का दूध खोजने से भी नहीं मिल पा रहा है। काफी मशक्कत के बाद एक व्यक्ति को 100 से 150 मिलीलीटर तक ही दूध उपलब्ध होता है।बकरी के दूध की अचानक मांग बढ़ने के बाद दैनिक भास्कर ने बकरी पालकों के बीच जाकर पड़ताल की तो पता चला कि पिछले 15 दिनों में ग्राहकों की संख्या करीब पांच गुना तक बढ़ गई है।

गोलमुरी मुस्लिम बस्ती के जाहिद हुसैन ने कहा-पहले दो-तीन लोग ही दूध लेने आते थे।अब राेज 10-12 लोग आ रहे हैं। वे डेंगू रोगी के लिए दूध मांगते हैं। इसलिए थोड़ा-थोड़ा कर सभी को देते हैं। कई लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ता है। वहीं, धतकीडीह के बकरी पालक मो. तनवीर ने कहा-बड़ी संख्या में लोग दूध लेने आ रहे हैं। वे 100 मिलीलीटर के लिए 200 रुपए तक देने को तैयार हैं। लेकिन बकरी को इतना दूध नहीं होता कि सबको मिल सके। कदमा के शास्त्रीनग के मो. अली और मानगाे जवाहर नगर की बकरी पालक फातिमा भी यही बात कहती हैं।

डाइटिशियन बोलीं… बकरी के दूध में विटामिन-प्रोटीन ज्यादा, चीनी कम

डाइटिशियन अनु सिन्हा के कहा- बकरी के दूध मंे कैसिइन नहीं होता है, जबकि गाय के दूध में होता है। ​बकरी का दूध गाय की तुलना में पचने में आसान होता है। ​बकरी के दूध में विटामिन और प्रोटीन ज्यादा और चीनी की मात्रा कम होती है। बकरी का कच्चा दूध वायरल रोगों से उबरने और डेंगू होने पर खून में प्लेटलेट्स में सुधार करने में मदद करता है।

यह पीलिया में भी उपयोगी होता है। यह वजन कम करने, पाचन बढ़ाने, हड्डियों को मजबूत करने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। हमारे शरीर में विषाक्त पदार्थों को जमा होने से भी रोकता है। इसमें सेलेनियम होता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।

रोग प्रतिरोध​क क्ष​मता को बढ़ाता है बकरी का दूध जिला सर्विलांस पदाधिकारी सह महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ. असद ने कहा-बकरी के दूध में इंफ्रामेलेंटरी एजेंट होते हैं। यह रोग से लड़ने वाले बैक्टीरिया को सक्रिय करते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता को तेजी से बढ़ाता है। यह डेंगू के दौरान शरीर में होने वाली पानी की कमी को दूर करता है। यही कारण है कि बीमारी से जल्दी रिकवरी दिखती है।

 

 

 

 

 

 

 

 

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