सोशल संवाद/डेस्क : आज देवोत्थान एकादशी के दिन देवताओं को जगाया जाता है। चातुर्मास का समापन होकर शुभ मुहूर्त आरंभ हो जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवोत्थान एकादशी के दिन से सृष्टि के संचालक भगवान विष्णु और समस्त देवता चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं और अपना-अपना कार्यभार ग्रहण कर लेते हैं।
देवताओं के जागने के बाद ही सभी शुभ कार्य किए जाते हैं। इस मौके पर देवताओं को अपनी-अपनी परंपरा के अनुसार केले और गन्ने का मंडप सजाकर नीचे चावल के आटे का चौक बनाया जाता है। इसके बाद उन्हें सिंघाड़े, बैंगन, मूली, आलू, शकरकंदी का भोग लगाया जाता है। इसके बाद दीपक जलाकर थाली बजाकर देवों को जगाया जाता है। इस दौरान यह पारंपरिक गाना , सभी अपने रीतिरिवाजों के अनुसार गाते हैं।








