सोशल संवाद/डेस्क : बाघमारा के विधायक ढुल्लू महतो इन दिनों चर्चा में हैं। चर्चा दो कारणों से है। पहला कारणः धनबाद लोकसभा सीट से भाजपा ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है। और दूसरा कारणः भाजपा के ही एक वर्ग द्वारा उनकी उम्मीदवारी का विरोध किया जा रहा है। आपको बता दे 2019 के घोषणा पत्र के अनुसार, ढुल्लू महतो के ऊपर आपराधिक मामले हैं। उनके विरोधियों का कहना है कि उनके ऊपर कम से कम 3 दर्जन आपराधिक मामले हैं।
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सरकारी काम में दखल देने से लेकर दुष्कर्म के प्रयास तक के संगीन मामले शामिल हैं। हफ्ता वसूली, रंगदारी, बमबाजी जैसे भी कई मामले हैं। भाजपा के एक वर्ग में इस बात को लेकर चर्चा है कि इतने बदनाम विधायक को अगर दिल्ली में बोलने का मौका दे दिया जाएगा तो वह पूरे धनबाद को तिग्गी का नाच नचाएगा। असंतुष्ट भाजपाईयों का एक बड़ा वर्ग लगातार इस पर गुणन-मंथन कर रहा है। लोग आलाकमान के सामने अपनी बात रखने के बारे में भी गंभीर हैं।
बता दे की बीते दिनों धनबाद लोकसभा क्षेत्र में उम्मीदवार को लेकर पाठकों के बीच एक सर्वे करवाया गया था। जिसमे विधायक राज सिन्हा को चाहने वाले लोगों की संख्या सबसे ज्यादा थी। ओवरऑल धनबाद लोकसभा क्षेत्र के 34 प्रतिशत लोग चाहते थे कि राज सिन्हा को भाजपा सांसद पद का उम्मीदवार बनाए। इस सर्वे के परिणामों को थोड़ा और बाईफरकेट करेंगे तो राज सिन्हा को चंदनकियारी में 16 प्रतिशत, झरिया में 39 प्रतिशत, धनबाद में 33 प्रतिशत, निरसा में 49 प्रतिशत, बोकारो में 32 प्रतिशत और सिंदरी में 38 प्रतिशत लोगों ने अपना पसंदीदा उम्मीदवार बताया था।
वही इस सर्वे में ढुल्लू महतो का कहीं नाम निशान नहीं था। पाठकों को यह ऑप्शन दिया गया था कि आप किसी कैंडिडेट को जोड़ना चाहें तो जोड़ सकते हैं और उसे वोट भी दे सकते हैं। अचरज इस बात का है कि ढुल्लू महतो का नाम इस सर्वे में आया ही नहीं। जिस आदमी का नाम तक सर्वे में न हो, जिसकी बदनामी की कहानियां चौक-चौराहों पर कही-सुनाई जाती हों, उसे भाजपा अपना लोकसभा का उम्मीदवार बनाती है तो चर्चा तो होगी ही। इस चर्चा में नकारात्मक बातें ज्यादा हैं। धनबाद भाजपा बेशक अब तक ढुल्लू की उम्मीदवारी पर टिप्पणी करने से बचती रही हो पर हर बार मौन का धारण स्वीकार्यता की गारंटी नहीं होता।
ढुल्लू की उम्मीदवारी के बाद धनबाद के सियासी हलकों में तेजी आ गई है। कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा जैसी पार्टियां ढुल्लू के आपराधिक चरित्र को उजागर करने के मुहिम में लग गई हैं। इस रणनीति पर भी काम हो रहा है कि इंडिया गठबंधन अगर एक मजबूत प्रत्याशी यहां उतार दे तो खेल पलट सकता है। कांग्रेस और झामुमो के लोगों के बीच में अभी मंथन चल रहा है। कहा जा रहा है कि इस संबंध में शिबू सोरेन को भी हर घटनाक्रम की जानकारी दी जा रही है। चर्चा तो यहां तक है कि अगर इंडिया गठबंधन से कोई मजबूत प्रत्याशी नहीं मिलता तो किसी बाहरी को अपना सिंबल देकर ढुल्लू के सामने खड़ा कर दिया जाए और पूरा गठबंधन उसके लिए जीतोड़ मेहनत करे।