सोशल संवाद/डेस्क : भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (DRDO) ने ओडिशा के तट पर इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम (IADWS) का पहला टेस्ट किया है। यह एक मल्टीलेयर एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसमें सभी स्वदेशी क्विक एक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल (QRSAM), एडवांस्ड वैरी शॉर्ट एयर डिफेंस सिस्टम मिसाइलें (VSHORADS) और हाई पावर लेजर बेस्ड डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW) शामिल हैं।
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यह परीक्षण शनिवार (23 अगस्त) को किया गया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने X पर एक पोस्ट में यह जानकारी दी। उन्होंने लिखा- इस परीक्षण ने हमारे देश की मल्टी लेयर एयर डिफेंस कैपेबिलिटी बढ़ाई है। यह सिस्टम दुश्मन के हवाई खतरों के खिलाफ रीजनल डिफेंस को मजबूती देगा।
IADWS सुदर्शन चक्र मिशन का एक हिस्सा माना जा रहा है। यह स्वॉर्म (एकसाथ छोड़े गए कई ड्रोन्स) ड्रोन अटैक के खिलाफ रक्षा कवच बनेगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से दिए अपने भाषण में सुदर्शन चक्र मिशन की घोषणा की थी।
एक साथ 3 टारगेट मार गिराए
परीक्षण के दौरान इस सिस्टम ने 2 हाई स्पीड फिक्स विंग अनमैन्ड ड्रोन, मल्टी कॉप्टर ड्रोन समेत तीन अलग-अलग टारगेट पर अटैक किया। ये तीनों टारगेट अलग-अलग दूरी और ऊंचाई पर थे। IADWS ने इन तीनों को एक साथ निशाना बनाकर पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया।
सिस्टम का कॉन्सेप्ट इस तरह से तैयार किया गया है कि पहले रडार यूनिट आने वाले खतरों पर नजर रखती है और उन्हें क्लासिफाई करती है। इसके बाद कमांड सेंटर ज्यादा ऊंचाई से आने वाले तेज खतरों के लिए क्विक एक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल (QRSAM) को निर्देश देता है।
कम रेंज वाले और धीमी गति से होने वाले हमले के लिए एडवांस्ड वैरी शॉर्ट एयर डिफेंस सिस्टम मिसाइलें (VSHORADS) एक्टिवेट होती हैं। इसके साथ ही साथ ड्रोन और चीप सैचुरेटेड अटैक के लिए लेजर बेस्ड डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW) हमला करते हैं।
इस सिस्टम के सफल परीक्षण से भारत की इग्ला और CIWS जैसे विदेशी डिफेंस सिस्टम पर निर्भरता कम हो जाएगी।








