सोशल संवाद/दिल्ली (रिपोर्ट – सिद्धार्थ प्रकाश ) : राहुल गांधी ने कहा- ये देखिए (अखबार दिखाते हुए कहा), इसको अच्छी तरह देखिए, ये दुनिया का एक सबसे ज़रूरी फाइनेंशियल न्यूज पेपर है– ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ ऑफ लंदन। इसमें- “Adani and the mysterious coal price rises”. लंबी कहानी है। पहले हमने 20 हजार करोड़ रुपए की बात की थी और सवाल पूछा था- ये पैसा किसका है, कहाँ से आया? अब पता लगता है कि 20 हजार करोड़ का फिगर गलत था, उसमें 12 हजार करोड़ और एड हो गए हैं। तो अब टोटल फिगर 32 हजार करोड़ का हो गया है। अडानी जी इंडोनेशिया में कोयला खरीदते हैं ।
कर्नाटका में कांग्रेस पार्टी ने बिजली की सब्सिडी दी है, मध्य प्रदेश में हम देने जा रहे हैं, अब पता लगता है कि इसका कारण अडानी जी हैं। तो हिंदुस्तान के नागरिकों को ये समझना है कि ये जो आपका बिजली का बिल बढ़ता जा रहा है, इसमें से 12 हजार करोड़ रुपए आपकी जेब में से सीधा अडानी जी ने लिए हैं और ये दुनिया का एक सबसे जरूरी फाइनेंशियल न्यूज पेपर, फाइनेंशियल टाइम्स, लंदन कह रहा है।
एक प्रश्न पर कि आप लगातार अडानी के मुद्दे को उठा रहे हैं, सेबी भी जांच कर रही है और आप लोग लगातार जेपीसी की मांग कर रहे हैं, तो आपको लगता है कि सेबी की जांच से कोई नतीजा निकलेगा या आप जेपीसी से ही लगातार इसको जोड़ रहे हैं? श्री राहुल गांधी ने कहा कि सेबी ने सरकार को कहा कि हमें डॉक्यूमेंट्स नहीं मिल रहे हैं। सेबी सरकार से कहती है कि हमें डॉक्यूमेंट्स नहीं मिल रहे हैं, मगर इन (फाइनेंशियल टाइम्स दिखाते हुए दोबारा कहा) लोगों को डॉक्यूमेंट्स मिल रहे हैं! फाइनेंशियल टाइम्स को सारे डॉक्यूमेंट्स मिल गए और हमारे यहां पर सेबी कह रही है कि हमें डॉक्यूमेंट्स नहीं मिल रहे हैं, तो साफ मामला है।
भाईयों और बहनों, 32,000 करोड़ रुपए, ये नंबर आप याद रखिए और आहिस्ता-आहिस्ता ये बढ़ता जाएगा, क्योंकि ये आखिरी कहानी नहीं है, ऐसी बहुत और आएंगी। बढ़ता जाएगा, बढ़ता जाएगा और याद रखिए, जब आप बिजली का प्रयोग करते हैं, अडानी जी ओवर इंवॉइसिंग करके आपके जेब में से पैसा निकाल रहे हैं। हर यूनिट में आपसे पैसा लिया जा रहा है और मैं सिर्फ एक सवाल पूछ रहा हूं भाईयों-बहनों, युवाओं- प्रधानमंत्री अडानी जी की इंक्वायरी क्यों नहीं करा रहे हैं? एक बार नहीं अनेक बार सवाल उठे हैं। हमने पार्लियामेंट में बात उठाई, पब्लिक मीटिंग्स में हम कहते हैं, प्रेस कॉन्फ्रेंस में हम कहते हैं, अडानी जी में क्या बात है कि हिन्दुस्तान की सरकार उन पर कोई भी इंवेस्टिगेशन नहीं करा सकती, उन पर कोई सवाल नहीं पूछ सकती, इसका कारण क्या है? इसके पीछे कौन सी शक्ति है- पूरा देश जानता है।
एक अन्य प्रश्न पर कि लगातार आप संसद से लेकर सड़क तक इस मामले को उठा रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, कांग्रेस पार्टी के पास अब क्या रास्ता बचता है कि इस मामले को ऐसा उठाएं कि असर हो, गांधी ने कहा कि असर हो रहा है, क्योंकि जो प्रधानमंत्री की क्रेडिबिलिटी है, उस पर सवाल उठ रहा है और हिन्दुस्तान के लोग सब जानते हैं कि जो अडानी जी की मदद की जा रही है, जो उनको प्रोटेक्शन दिया जा रहा है, वो सिर्फ एक व्यक्ति दे सकता है, दूसरा व्यक्ति नहीं दे सकता, ये गांव-गांव में लोगों को मालूम है और गांव-गांव में लोगों को मालूम है कि अडानी जी ने भ्रष्टाचार किया है, चोरी की है, यहां पर ओवर इंवॉइसिंग की है, 20,000 करोड़ रुपए का मामला उठा है, पूरा देश जानता है। तो मैं प्रधानमंत्री की मदद करने की कोशिश कर रहा हूं, मैं उनसे कह एक अन्य प्रश्न पर कि आप कई सालों से मांग कर रहे हैं, जेपीसी तो गठित हुआ नहीं।