सोशल संवाद/ डेस्क : झारखंड के सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता और माहौल का आकलन किया जाएगा। इसके तहत सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की सैंपलिंग कर परीक्षा ली गई, ताकि शिक्षा के स्तर का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन किया जा सके। अब इसी आधार पर जल्द ही स्कूलों को गोल्ड, सिल्वर और कांस्य ग्रेड का प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले स्कूल को गोल्ड सर्टिफिकेट मिलेगा।
कक्षा 2, 3, 6 और 7 के विद्यार्थियों का मूल्यांकन 90 मिनट की परीक्षा के जरिए किया गया, जिसमें हिंदी, अंग्रेजी और गणित विषयों से प्रश्न पूछे गए। इसके बाद स्कूल परिसर का 90 मिनट का गुणात्मक सर्वेक्षण किया गया। इसमें स्कूल प्रमाणीकरण के विभिन्न मानकों की गहनता से जांच की गई।
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इस दौरान स्कूलों में विद्यार्थियों की 75 प्रतिशत उपस्थिति, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, खेलकूद एवं मैदान का संचालन, जल स्वच्छता एवं स्वास्थ्य, शिक्षण एवं अधिगम प्रक्रिया, पाठ्येतर गतिविधियों का आयोजन, समुदाय एवं विद्यालय प्रबंधन समिति की भागीदारी, विद्यार्थी नेतृत्व, विद्यालय विकास योजना, समावेशी वातावरण, पोषण, विद्यार्थी कल्याण, सुरक्षा एवं स्वच्छता जैसे मानकों पर स्कूलों का मूल्यांकन किया गया।
प्रमाणपत्र प्रदान करने के लिए स्पष्ट मानक निर्धारित किए गए हैं। कांस्य ग्रेड उन्हीं स्कूलों को मिलेगा, जिनमें कक्षा 2 के 75% विद्यार्थी अक्षर पहचानते हों, कक्षा 3 से 5 के 90% छात्र कक्षा 1 की दक्षता रखते हों और कक्षा 6 से 9 के 90% विद्यार्थी कक्षा 2 की दक्षता पर हों। वहीं, सिल्वर ग्रेड के लिए स्कूलों में कक्षा 1-2 के 90% विद्यार्थियों द्वारा अक्षर पहचाने जाना अनिवार्य है, साथ ही कक्षा 3-5 के 75% छात्रों में कक्षा 2 की तथा कक्षा 6-9 के 75% छात्रों में कक्षा 5 की दक्षता होनी चाहिए। गोल्ड ग्रेड उन्हीं स्कूलों को मिलेगा, जो सिल्वर ग्रेड के सभी मानक पूरे करें और सभी कक्षाओं में 75% विद्यार्थी अपने ग्रेड स्तर की दक्षता रखते हों।