सोशल संवाद / डेस्क : गेंद गईल मैदान के पार मारदेहलन चौका बढ़िया खेल रहल बाल बढ़िया साझेदारी भईल यह बात भोजपुरी में क्रिकेट खेलने के दौरान सभी ने कही और सुनी होगी। लेकिन अब यह आवाज गांव व छोटे शहर के खेल मैदान तक ही सीमति नहीं रही बल्कि आईपीएल मैच में हो रही भोजपुरी भाषा में कमेंट्री में भी सुनने को मिल रही है।
भोजपुरी भाषा में कमेंट्री शुरू होने से पूर्वांचल क्षेत्र के लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। खास कर कैमूरवासियों में खुशी का कोई ठिकाना नहीं है ।क्योंकि भोजपुरी भाषा में कमेंट्री करने वालों में कैमूर के शिवम भी शामिल हैं। अब तक भोजपुरी भाषा को एक अच्छी पहचान दिलाने में कैमूर के अतरवलियां गांव निवासी वर्तमान में सांसद मनोज तिवारी का नाम लिया जाता था। लेकिन अब इसके लिए कैमूर के मूलत: चांद प्रखंड के चांद गांव निवासी दिलीप सिंह के पुत्र शिवम सिंह का भी नाम लिया जाएगा।
रणजी ट्राफी में 47 वर्ष बाद बिहार को शिवम ने दिलाई जीत
शिवम सिंह ने यह मुकाम काफी संघर्ष व अपनी प्रतिभा की बदौलत प्राप्त किया है। अपने खेल का बेहतर प्रदर्शन कर क्रिकेट में अच्छी पहचान बनाई। बीते वर्ष रणजी ट्राफी में शिवम ने अपने बल्ला से 45 रन बना कर और 119 रन की सचिन कुमार के साथ साझेदारी कर बिहार को 47 वर्ष बाद जीत दिलाई। यह मैच मोइनुलहक स्टेडियम पटना में हुआ था
पिता के नक्शेकदम पर चल कर पुत्र ने पाई सफलता
शिवम के पिता दिलीप सिंह अधिवक्ता हैं और भभुआ सिविल कोर्ट में वकालत करते हैं। वे एक प्रगतिशील किसान भी हैं। लेकिन शुरू से ही उनकी क्रिकेट में काफी रुचि है। वे बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के तीसरी बार व लगातार दूसरी बार उपाध्यक्ष बने हैं। उनके सानिध्य में ही शिवम लगातार क्रिकेट का अभ्यास करते रहे और आज उनकी मेहनत की बदौलत सफलता मिल ही गई।