सोशल संवाद / नई दिल्ली ( रिपोर्ट – सिद्धार्थ प्रकाश ) : दिल्ली भाजपा सचिव और सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा है कि आम आदमी पार्टी के नेता जैसे संजय सिंह और मनीष सिसोदिया लगातार यह आरोप लगाते रहते हैं कि भाजपा जांच एजेंसियों जैसे ईडी या सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है, लेकिन वे एक भी मामला नहीं बता पा रहे हैं जहां किसी अदालत ने जांच एजेंसियों के खिलाफ उनके आरोप को सही ठहराया हो।
सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा है कि चाहे आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल हों या संजय सिंह और मनीष सिसोदिया, सभी को कड़ी शर्तों पर जमानत मिली है। स्वराज ने कहा है कि संजय सिंह और मनीष सिसोदिया बार-बार कहते हैं कि भाजपा हमारी पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रही है, लेकिन अदालत में उन्होंने ऐसा कोई बहाना पेश नहीं किया। अदालत में, अरविंद केजरीवाल से लेकर विजय नय्यर तक, सभी ने व्यक्तिगत स्वतंत्रता के आधार पर जमानत मांगी और ली, क्योंकि मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है। उन्हें कड़ी शर्तों के साथ जमानत और 20 लाख रुपये के बांड पर कार्यालय में प्रवेश नहीं करने की शर्त पर जमानत मिली है।
अगर संजय सिंह और सिसोदिया को लगता है कि ईडी और सीबीआई तोते हैं, तो उन्हें कम से कम एक मामले में इसे साबित करना चाहिए था। स्वराज ने कहा है कि “आप” नेता लगातार यह आरोप लगाते हैं कि हमारे घरों पर छापे मारे गए, लेकिन कुछ भी बरामद नहीं हुआ। अगर जांच एजेंसियों के पास “आप” नेताओं के खिलाफ कोई मामला नहीं है, तो उन्होंने जमानत मांगने की बजाय अदालतों से अपने मामलों को खत्म क्यों नहीं करवाया?
अगर “आप” नेताओं को लगता है कि संजीव अरोड़ा के प्रतिष्ठानों पर ED की छापेमारी राजनीतिक कारणों से की जा रही है, तो उन्हें प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की बजाय अदालत का दरवाजा खटखटाना चाहिए और अपने दावे को साबित करना चाहिए।
स्वराज ने संजय सिंह और मनीष सिसोदिया से आग्रह किया है कि वे याद रखें कि जमानत की एक शर्त यह है कि “आप” नेता अपने शराब घोटाले के मामलों पर टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन वे नियमित रूप से इस पर टिप्पणी कर रहे हैं।