December 24, 2024 6:26 am

जमशेदपुर में अवैध निर्माणों के खिलाफ उच्च न्यायालय की सुनवाई में महत्वपूर्ण मोड़

जमशेदपुर में अवैध निर्माणों के खिलाफ उच्च न्यायालय की सुनवाई में महत्वपूर्ण मोड़

सोशल संवाद / डेस्क : जनहित याचिका 2078/2018 की उच्च न्यायालय में हो रही सुनवाई में आज का दिन एक महत्वपूर्ण पड़ाव था। माननीय अदालत के आज के आदेश से ऐसा प्रतीत होता है कि म्युनिसिपल कानून, बिल्डिंग बाई-लाज और बिल्डिंग परमिट का बिल्डरों द्वारा अक्षेष के अधिकारियों की मिलीभगत से घोर उल्लंघन कर 1800 से अधिक किये गये अवैध निर्माणों वाले शहर जमशेदपुर के इतिहास के लिए यह एक निर्णायक दिन साबित होगा! आज की इस महत्वपूर्ण सुनवाई में झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री राव और न्यायाधीश दीपक रौशन की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को सुना और पिछले आदेश में दिये गये तमाम भवनों और बिल्डरों को पार्टी बनाने की कठिनाई को समझा।

यह भी पढ़े : ईचा राज परिवार सदस्य रोमी उर्फ सुमित सिंहदेव ने मंत्री दीपक बिरुआ से की मुलाकात, हेमंत सरकार 2.0 में मंत्री बनाए जाने पर दी बधाई

पिटीशनर के अधिवक्ता ने माननीय अदालत को बताया कि यह पीआईएल है और इतने बड़े पैमाने पर अनियमितता जमशेदपुर में हुई है कि लगभग 1800 भवनों को पार्टा बनाना कठिन है। माननीय अदालत ने व्यवस्था दी कि सभी भवनों को फ़ेज़ वाइज पार्टी बनाया जा सकता है क्योंकि अवैघ निर्माण में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार घ्वस्तिकरण ही एक मात्र रास्ता है। अतः अंतिम निर्णय से पहले सम्बंधित बिल्डरों और  अन्य पक्षों द्वारा दायर हलफनामों में उनका पक्ष सुनना होगा कि नियमों की अनदेखी क्यों की गई और सरकारी नोटिसों की तामिला क्यों नहीं करायी गई।

माननीय अदालत ने पिटीशनर के अधिवक्ता के प्रार्थना पर आश्वस्त किया कि न्यायालय अवैघ निर्माण पर कार्रवाई ज़रूर करेगी। माननीय न्यायलय ने अगली तारीख़ पर अन्य भवनों की सूची के साथ इस मामले में पार्टी बनाने का निर्देश दिया है। आज जिन भवनों की सूची दी गयी है उन सब को न्यायालय नोटिस जारी करेगी ताकि अगली तारीख़ पर वर्तमान सूची वाले बिल्डर अपना पक्ष रखें अन्यथा माननीय कोर्ट बग़ैर कोई दूसरा मौक़ा दिए उनके ख़िलाफ़ आदेश पारित करेगी।

आज की सुनवाई में एक बात और स्पष्ट किया गया कि याचिका में जो प्रार्थना की गई है कि ऐसे अधिकारी जिनकी ग़ैर – ज़िम्मेदारी से ऐसे निर्माण फलित हुए हैं उनके ख़िलाफ़ अलग से कार्रवाई पर विचार किया जाएगा।

माननीय अदालत के निर्देशों के अनुसार अक्षेष के उन तमाम अधिकारियों को व्यक्तिगत तौर पर पार्टी बनाया जायेगा जिन्होंने बिल्डिंग बाई लॉज का उल्लंघन कर नक्सा पारित किया और भ्रष्टाचार कर अवैध निर्माण करवाये और जमशेदपुर की इकॉलोजी को पूरी तरीके से बरबाद कर दिया।

पिटीशनर के अधिवक्ता ने बताया कि माननीय अदालत के पिछले आदेश के अनुसार सभी अवैध बने भवनों और उनके बिल्डरों को पार्टी बनाया जायेगा ताकि किसी भी तरह के पक्षपात का आरोप न लगे!

पिटीशनर ने बताया के वे अपने अधिवक्ताओं से बात कर रहे हैं ताकि माननीय सुप्रीम कोर्ट में एक एसएलपी दायर कर प़ीआईएल पर जारी दिशा निर्देशों के अनुसार सभी भवनों और बिल्डरों को पार्टी बनाने के बजाय एक पब्लिक नोटिस के द्वारा सबको सूचित किया जा सके! पिटीशनर की तरफ से अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव और एम आई हसन ने बहस की!

Print
Facebook
Twitter
Telegram
WhatsApp
Keyboards पर QWERTY क्रम में क्यों रहते हैं अक्षर इस देश में नहीं है एक भी मच्छर धोनी के 10 सबसे महंगे बाइक कच्चा केला खाने से क्या होता है रोजाना काजू खाने के फायदे ससुराल को स्वर्ग बना देती हैं इन 4 राशि की लड़कियां क्या है दूध पीने का सही तरीका लाल या हरा कौन सा सेब है ज्यादा ताकतवर शारदा सिन्हा को इस फिल्म के लिए मिले थे 76 रुपए इन सब्जियों को फ्रिज में न करे स्टोर