सोशल संवाद / टोनटो : वीमेन डॉक्टर्स विंग आई. एम. ए. झारखण्ड एवं फोरेस्ट डिपार्टमेंट, चाईबासा वन प्रमंडल के संयुक्त तत्वधान में दिनांक 21 दिसम्बर 2024 को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, टोनटो में सुबह 9 बजे से किया जायेगा। इस शिविर के आयोजन में स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन, पश्चिमी सिंहभूम का विशेष योगदान है।
कोल्हान के दूर दराज के नक्सल प्रभावित इलाकों में PVTG ( पार्टिकुलर वलनेरेबल ट्राइबल ग्रुप) पर केंद्रित आई कैंप और मेगा स्वास्थ्य मेगा महिला स्वास्थ्य अभियान कैंप लगाए जा रहे हैं 1 जुलाई को गुआ में लगाया गया 15 जुलाई को गोइलकेरा में लगाया गया और अब 21 दिसंबर को टोनटो में लगाया जा रहा है ।
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मोतियाबिंद से ग्रसित बच्चों और बूढ़े इस शिविर में आकर के NABH की क्वालिटी की सर्वोच्च मान्यता प्राप्त कश्यप मेमोरियल आई हॉस्पिटल में आँखों के मोतियाबिंद , नाखुना, कॉर्निया प्रत्यारोपण एवं आँखों के परदे की सर्जरी मुफ्त आयुष्मान भारत योजना मुफ्त करा सकते हैं। इस कैंप में जननांग संबंधी सूजन से ग्रसित महिलाओं का भी उपचार किया जाएगा साथ में आयरन फोलिक एसिड और कैल्शियम की गोलियां भी मुफ्त बांटी जाएगी।
पार्टिकुलर वुलनरेबल ट्राइबल ग्रुप PVTG के लिए मलेरिया, ट्यूबरक्लोसिस, सिकल सेल एनीमिया की स्क्रीनिंग के लिए भी कैंप लगाए जाएंगे मौके पर मरीजों का आयुष्मान कार्ड भी बनाया जाएगा। इस मेगा महिला स्वास्थ्य शिविर के मुख्य अतिथि होंगे झारखण्ड के परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ, और विशिष्ट अतिथि होंगे चाईबासा के डीसी कुलदीप चौधरी।
वूमेन डॉक्टर विंग आई.एम.ए. झारखंड पूरे राज्य में 2014 से मेगा महिला स्वास्थ्य एवं दृष्टि सुरक्षा अभियान चला रही है। अभी तक राज्य के 15 बड़े सरकारी अस्पतालों में जननांग संबंधी सूजन की पहचान एवं सर्वाइकल प्री-कैंसर के इलाज के लिए डिजिटल वीडियो कोल्पोस्कोप एवं क्रायो मशीन लग चुकी है।
वीमेन डॉक्टर्स विंग आई. एम. ए. झारखण्ड की चेयरपर्सन डॉ भारती कश्यप ने बताया कि संथाल परगना एवं पश्चिमी सिंहभूम के दूर दराज़ के क्षेत्रों में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अपना फोकस किया है।
अभियान के उद्देश्य:
1. दृष्टि सुरक्षा अभियान एवं मेगा महिला स्वास्थ्य सुरक्षा अभियान का पूरा फायदा आदिम जन जाति समुदाय एवं वंचितों को मिले.
2. कैंप क्षेत्र से ही प्री कैंसर से ग्रसित महिला का क्रायो इलाज कर उन्हें कैंसर-मुक्त कर सुरक्षित घर भेजा जाए.
3. कैंप में आई जननांग संबंधी सूजन से ग्रसित 100 प्रतिशत यानि सभी महिलाओं का दवा से इलाज करना, क्योंकि जननांग संबंधी सूजन ही आगे चलकर सर्वाइकल कैंसर का रूप लेती है.
4. इस इलाके के बुजुर्ग एवं बच्चे जो आँखों की मोतियाबिंद, ग्लूकोमा और रेटिना की बिमारियों की वजह से दृष्टि खो रहे हैं, उन सभी का रांची स्थित सुपरस्पेशलिटी आई हॉस्पिटल में सर्जिकल इलाज
5. ट्यूबरकुलोसिस, मलेरिया और अनीमिया की जाँच और डाटा बैंक बनाना, जिससे सरकार को इस इलाके की हेल्थ पालिसी बनाने में मदद मिलेगी.
6. प्रशिक्षित मानव संसाधन के एक व्यापक नेटवर्क का भी निर्माण कर रहे हैं. कैंप में कई स्त्री रोग विशेषज्ञों को डिजिटल विडियो कोल्पोस्कोप गाइडेड क्रायों ट्रीटमेंट का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि सरकारी अस्पतालों में यह व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहे.
7. आदिम जनजाति एवं पिछड़े तबके की महिलाओं के बीच स्वास्थ्य जागरूकता फैलाना, ताकि समय पर वह अपनी बीमारी पहचान सके और वे ससमय इलाज के लिए सही जगह पहुँच सके.
8. जननांग सम्बन्धी सूजन की महिलाएं एवं दृष्टि खो रहे बच्चे और बुजुर्ग कैंप में जरुर आयें।
चिन्ह तथा लक्ष्ण
- योनि से बदबूदार स्त्राव।
- महिलाओं में रजोनिवृत्ति के उपरांत रक्तस्त्राव होना।
- शारीरिक संबंध के दौरान रक्तस्त्राव होना।
- दो माहवारियों के बीच में अचानक रक्तस्त्राव होना।
- इन लक्षणों से ग्रसित महिलाएं शिविर में आकर महिला रोग विशेषज्ञों की टीम से अपना मुफ्त जाँच एवं इलाज जरूर कराएं।
जिन भी महिलाओं को जननांग संबंधी सूजन के लक्षण हो वह महिलाएं इस कैंप में आकर लाभ उठाएं क्योंकि कैंप में सूजन के ट्रीटमेंट के लिए तो दवाई दी जाएगी उसके साथ-साथ आयरन फोलिक एसिड और कैल्शियम की 1 महीने की खुराक भी मुफ्त में दी जाएगी।
हयूमन पेपिलोम वायरस (एच०पी०वी०) द्वारा संक्रमण के खतरे के कारण
- 18 वर्ष के कम आयु के पूर्व शारीरिक संबंध बनाना।
- एक से अधिक लोगों के साथ शारीरिक संबंध।
- योन रोगों का व्यक्तिगत इतिहास ।
- कई गर्भधारण
- बिना डॉक्टर की सलह के गर्भनिरोधक गोलियों को लम्बे समय तक प्रयोग ।
- कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली ।
- धूम्रपान / तम्बाकू को सेवन ।
वीमेन डॉक्टर्स विंग आई. एम. ए. झारखण्ड की चेयरपर्सन डॉ भारती कश्यप ने बताया कि:-
- यदि आप ऊपर दिये गये किसी भी लक्षण को अनुभव करें तो शीघ्र ही डॉक्टर से सलाह लें।
- सभी विवाहित अथवा यौन सक्रिय महिलाओं को नियमित रूप से वी०आई०ए० (विजुअल इंस्पैक्शन विद एसेटिक एसिड) या पैप स्मियर टैस्ट के द्वारा जाँच करानी चाहिए।
- सही जननांग स्वच्छता बनाएं रखें।
- किशोरावस्था एवं प्रारंम्भिक युवा अवस्था में यौन संबंध रखने से बचें।
- एक से अधिक लोगों के साथ यौन संबंध न रखें।
- यौन प्रसारित बीमारियों से स्वयं को बचाएं।
- किसी भी प्रकार के तम्बाकू उत्पाद का प्रयोग न करें।
- 9 से 25 वर्ष के आयु में एच०पी०बी० टीकाकरण करवा कर स्वयं को बचाए ।
- अधिक सुरक्षा हेतु टीकाकरण किशोर अवस्था में यौन सक्रिय होने से पूर्व कराएं।
- याद रखें कि टीकाकरण के पश्चात भी नियमित रूप से जाँच अवश्य कराएं।