सोशल संवाद/डेस्क: Delhi और NCR में खतरनाक स्तर पर पहुंच चुके वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है और प्रशासन से त्वरित एवं प्रभावी कार्ययोजना मांगी है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 3 दिसंबर की तारीख तय की है।
यह भी पढ़ें: Jharkhand में बढ़ी कड़ाके की ठंड: तापमान में तेज गिरावट, कई जिलों में कोहरा और ठिठुरन
कोर्ट की टिप्पणी
गुरुवार को हुई सुनवाई में चीफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि यह समस्या अब सामान्य नहीं रही, बल्कि निरंतर निगरानी और ठोस कदमों की मांग करती है। कोर्ट ने साफ कहा कि समाधान सिर्फ चर्चाओं से नहीं, बल्कि ठोस नीति और अमल से मिलेगा।
अमिकस क्यूरी का पक्ष
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील अपराजिता सिंह ने अदालत को बताया कि खराब होती वायु गुणवत्ता अब लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन रही है और स्थिति आपातकाल जैसी हो चुकी है। उन्होंने अदालत का ध्यान आंकड़ों और मौजूदा हालात की ओर दिलाया।
सीजेआई का बयान
पीठ ने सवाल उठाते हुए कहा “न्यायालय के पास कोई जादुई छड़ी नहीं है। सबको समस्या पता है, पर समाधान कहाँ है?” उन्होंने सुझाव दिया कि समस्या की जड़ें पहचानने और समाधान तय करने में विशेषज्ञों की भूमिका अहम है।
सरकार व एजेंसियों से स्पष्टीकरण
अदालत ने पूछा कि अब तक विभिन्न समितियां क्या कदम उठा चुकी हैं और आगे क्या प्लान है। साथ ही कोर्ट ने दीर्घकालिक उपायों की दिशा में कार्य तेज करने के निर्देश दिए।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इसी मुद्दे पर कांग्रेस ने दिल्ली में मास्क और ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ विरोध प्रदर्शन किया। पार्टी नेताओं ने सरकारी व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराते हुए जल्द समाधान की मांग की।
वर्तमान हवा की स्थिति
बुधवार सुबह दिल्ली का AQI 335 दर्ज हुआ, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। प्रदूषण लगातार कई दिनों से इसी स्तर पर बना हुआ है।
आगे क्या?
- अगली सुनवाई 3 दिसंबर
- प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट की मांग
- विशेषज्ञ सुझावों के आधार पर निर्णय लिए जाने की उम्मीद








