सोशल संवाद/दिल्ली (रिपोर्ट- सिद्धार्थ प्रकाश ) : 128 वां महिला आरक्षण विधेयक भी मोदी सरकार के पूर्व में दिए जुमलों का ही एक रुप है। अगर महिलाओ को आरक्षण का लाभ देना ही था तो पूर्व में ही कांग्रेस द्वारा राज्य सभा में पारित महिला आरक्षण विधेयक को लोकसभा में पारित करवा कर तुरंत से ही महिलाओं को लाभ दिया जा सकता है।
भाजपा द्वारा लाए गए सशर्त महिला आरक्षण जो जनगणना व लोकसभा, विधानसभा में सीटों के परिसीमन के बाद ही लागू होने की बात गई है जो 2029 से पहले संभव ही नहीं होने से आधी आबादी को लाभ देने की बात करना भद्दा मजाक है, इस विल में महिलाओं को राज्य सभा,व विधानपरिषद में आरक्षण से दूर रखा गया है जो महिलाओं के साथ भाजपा के भेदभाव को दर्शाता है।
एक तरफ भाजपा नेतृत्व महिला आरक्षण बिल को नारी शक्ति वंदन का नाम दे रही है दूसरी ओर अपनी ही सरकार द्वारा देश का मान बढ़ाने वाली हरियाणा की बेटियों के शारीरिक शोषण में फंसे नेताओं को संरक्षण देकर व अपनी ही सरकार द्वारा विल्किस बानों के बलात्कारियों की सजा को माफ कर उन्हें पुरुस्कृत कर देश की महिलाओं का अपमान करने पर आमादा है।
भाजपा के महिला सम्मान की पोल तो तभी खुल गई जब नये संसद के उद्घाटन व सत्र के पहले दिन देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति द्रोपदी मूर्मु जी को संसद भवन के कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए निमंत्रण पत्र ही नहीं भेजा गया।
यह केवल देश में #इंडिया गठबंधन की बढ़ती लोकप्रियता व भाजपा को देश में मिल रही हार को बचाने के लिए देश की आधी आबादी महिलाओं को भ्रमित करने व उनके वोट हासिल करने के लिए बस जुमला है। जनता जनार्दन अब इनके झूठ को जान गई है जिसका परिणाम इनकी चुनाव में हो रही पराजय से देखा जा सकता है। देश में बढ़ती अराजकता, किसानों की हो रही दुर्दशा व मंहगाई, वेरोजगारी से त्रस्त जनता का ध्यान भटकाने की यह भाजपा की कुत्सित चाल है जिससे इन गंभीर मुद्दों पर बहस न हो सके।
देश में बढ़ती अराजकता, किसानों की हो रही दुर्दशा; जनता का ध्यान भटकाने की यह भाजपा की कुत्सित चाल है जिससे इन गंभीर मुद्दों पर बहस न हो सके
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