सोशल संवाद/ डेस्क:भारत ने लांच किया ई-पासपोर्ट लॉन्च कर दिया है, जिसमें चिप लगी होगी। अगर आप भी पासपोर्ट अप्लाई करने जा रहे है तों हम आपको बताएंगे आपको क्या करना है। सुरक्षा को देखते हुए भारत में आधिकारिक रूप से चिप वाले ई-पासपोर्ट को अपनाना शुरू कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय पहचान के लिए ये एक नया और सुरक्षित तरीका है, जिसे दुनिया के कई देश पहले से ही अपना चुके हैं। मई 2025 से देश के 13 शहरों में ये सुविधा शुरू हो गई है। इसका मकसद है सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करना, पहचान से जुड़ी धोखाधड़ी को रोकना और लोगों की विदेश यात्रा को आसान बनाना।
भारत अब चिप वाले बायोमेट्रिक ई-पासपोर्ट का इस्तेमाल करने वाले देशों में शामिल हो चुका है। इनमें अमेरिका, कनाडा, मेक्सिको, ब्राजील, फ्रांस, इटली, जापान समेत 120 से ज्यादा देश शामिल हैं। ये देश के लिए एक बड़ा कदम है जिसकी वजह से अब हर कोई आसानी से अंतरराष्ट्रीय यात्रा कर सकेगा। इस नई तकनीक की मदद से भारत की सीमाओं की सुरक्षा मजबूत होगी, पहचान की धोखाधड़ी रोकी जा सकेगी और यात्रियों का इमिग्रेशन यानी प्रवेश प्रक्रिया भी पहले से तेज हो जाएगी। चलिए जानते हैं आखिर इससे क्या फायदे आपको होने वाले हैं और किन देशों में पहले से चिप सुविधा है।
भारत में ई-पासपोर्ट की शुरुआत अप्रैल 2024 में “पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम 2.0” के तहत की गई थी। इसकी टेस्टिंग पहले कुछ बड़े शहरों में हुई जैसे नागपुर, भुवनेश्वर, जम्मू, गोवा, शिमला, रायपुर, अमृतसर, जयपुर, चेन्नई, हैदराबाद, सूरत और रांची। अब उम्मीद की जा रही है कि इसे पूरे देश में 2025 के मध्य तक पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा।
ई-पासपोर्ट एक नेक्स्ट जनरेशन पासपोर्ट है जिसमें पिछले कवर के अंदर एक खास चिप (RFID चिप) और एंटीना लगा होता है। इस चिप में पासपोर्ट धारक की जरूरी जानकारी जैसे नाम, जन्म तिथि, पासपोर्ट नंबर, फोटो और उंगलियों के निशान सुरक्षित रूप से स्टोर किए जाते हैं। यह सभी जानकारी एक खास तरीके से कोड में रहती है ताकि कोई भी इसे आसानी से पढ़ न सके। इस डेटा को सुरक्षित रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है जैसे – बेसिक एक्सेस कंट्रोल (BAC), पैसिव ऑथेंटिकेशन (PA), और एक्सटेंडेड एक्सेस कंट्रोल (EAC)।
बायोमेट्रिक ई-पासपोर्ट अब दुनिया भर में सुरक्षित और आसान यात्रा के लिए नई पहचान बन चुका है। इनमें एक छोटी चिप लगी होती है, जो इमिग्रेशन चेकपॉइंट्स पर आपकी पहचान तुरंत बता देगा। इससे बिना किसी मैनुअल चेक के ई-गेट्स के जरिए जल्दी और बॉर्डर पार करना संभव हो जाता है। इससे लंबी कतारों में नहीं लगना पड़ेगा और यात्रियों को ज्यादा सुविधा मिलती है।
भारत का ई-पासपोर्ट की ओर कदम बढ़ाना इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) के सुरक्षा मानकों के अनुरूप है। इससे भारतीय यात्रियों को भी उन्हीं सुविधाओं का लाभ मिलेगा, जो डिजिटल रूप से आगे बढ़ चुके देशों के नागरिकों को मिलता है। साथ ही, इससे वैश्विक स्तर पर भारत की साख और मजबूत होगी।