सोशल संवाद/ डेस्क: सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन बैंक ने बुधवार को एक वर्षीय कोष की सीमांत लागत आधारित उधारी दर (एमसीएलआर) 0.05 प्रतिशत घटाकर नौ प्रतिशत करने की घोषणा की। इंडियन बैंक ने बुधवार को एक बयान में कहा कि नई दर तीन जुलाई से प्रभाव में आ जाएगी। एक साल की एमसीएलआर वह मानक दर है जिसके आधार पर वाहन, व्यक्तिगत और आवास ऋण जैसे अधिकांश ऋणों के लिए ब्याज तय किये जाते हैं।
बयान के अनुसार, बैंक कर्ज को सस्ता करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी के तहत एक साल की एमसीएलआर में 0.05 प्रतिशत की कटौती की गयी है। इस कटौती के बाद एमसीएलआर आधारित ब्याज नौ प्रतिशत हो जाएगा। इसके अलावा, बैंक ने सात जुलाई, 2025 से सभी बचत बैंक खातों के लिए न्यूनतम शेष राशि रखने से जुड़े शुल्क से पूरी तरह छूट देने की घोषणा की है।
एक साल की एमसीएलआर वह मानक दर है जिसके आधार पर वाहन, व्यक्तिगत और आवास ऋण जैसे अधिकांश ऋणों के लिए ब्याज तय किये जाते हैं। बयान के अनुसार, बैंक कर्ज को सस्ता करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी के तहत एक साल की एमसीएलआर में 0.05 प्रतिशत की कटौती की गयी है। इस कटौती के बाद एमसीएलआर आधारित ब्याज नौ प्रतिशत हो जाएगा।
इसके अलावा, बैंक ने सात जुलाई, 2025 से सभी बचत बैंक खातों के लिए न्यूनतम शेष राशि रखने से जुड़े शुल्क से पूरी तरह छूट देने की घोषणा की है। इस कदम का उद्देश्य वित्तीय समावेश को बढ़ावा देना और समाज के सभी वर्गों के लिए बैंक को अधिक सुलभ और किफायती बनाना है। इस निर्णय से इंडियन बैंक के ग्राहकों को लाभ मिलेगा।
इस छूट से ज्यादा-से-ज्यादा व्यक्तियों, विशेष रूप से वंचित समुदायों के लोगों को बैंक प्रणाली से जुड़ने को लेकर प्रोत्साहित होने की उम्मीद है। इसके साथ बैंक ने सभी बचत बैंक खातों में न्यूनतम शेष राशि से जुड़े शुल्क से पूरी तरह से छूट देन का भी ऐलान किया। बैंक ने बयान में कहा कि इस कदम का उद्देश्य वित्तीय समावेश को बढ़ावा देना और समाज के सभी वर्गों के लिए बैंक को अधिक सुलभ और किफायती बनाना है।










