अगर आपको रात में नींद बार बार टूट जाती है तो मन में कई सवाल आते है की मुझे कुछ बीमारी तो नही। चलिए आपको बताते है इससे जुडी बाते और एसा क्यों होता है।
रात में खाने-पीने के बाद, फ़ोन एक तरफ रख कर सो गये, तुरंत नींद भी आ गई। पर कुछ घंटों बाद आप उठे जाते है। जब आपने बाहर देखा, तो अँधेरा था। घड़ी में रात के 2:30 बज रहे थे। आप करवट बदलते हैं और फिर से सोने की कोशिश करते हैं। इस बार भी आपको नींद आ जाती है। लेकिन कुछ घंटों बाद, आप फिर से जाग जाते हैं। घड़ी में सुबह के 4 बज रहे थे। अब, आपको नींद नहीं आ रही है।
क्या आपके साथ ऐसा रोज़ होता है?
रात में नींद टूटने के कई कारण हो सकते हैं। पहला कारण है बहुत ज़्यादा तनाव। जब व्यक्ति लगातार कुछ न कुछ सोचता रहता है, तो उसके दिमाग में बातें चलती रहती हैं। जब वह तनाव में होता है, तो दिमाग पूरी तरह से शांत नहीं हो पाता। ऐसे में नींद आती तो है, लेकिन बार-बार टूट जाती है।
दूसरा कारण है नींद से जुड़ी बीमारियाँ। जैसे स्लीप एपनिया। इसमें सोते समय व्यक्ति की साँसें रुक जाती हैं। ऐसा रात में कई बार हो सकता है। जिससे नींद खुल जाती है। देखिए, स्लीप एपनिया एक गंभीर स्थिति है। इससे पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। इसलिए, अगर आप नींद से हांफते हुए उठते हैं या आपकी साँस फूलती है, तो इसे गंभीरता से लें। सोते समय घुटन महसूस होना या बहुत खर्राटे लेना भी स्लीप एपनिया के लक्षण हैं। इसलिए डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।
नींद में बार-बार रुकावट आने का तीसरा कारण है सोने से पहले कैफीन या निकोटीन युक्त चीज़ें पीना। जैसे चाय, कॉफ़ी, सिगरेट वगैरह। कैफीन और निकोटीन दिमाग़ को अलर्ट कर देते हैं। जिससे नींद देर से आती है। अगर आती भी है, तो हर कुछ मिनट में टूट जाती है।
चौथा कारण है देर रात खाना। अगर आप खाने के तुरंत बाद सो जाते हैं, तो शरीर खाना ठीक से पचा नहीं पाता। इससे एसिडिटी हो सकती है और आपकी नींद बार-बार टूट सकती है।
पाँचवाँ कारण है बार-बार पेशाब आना। अगर आप रात को सोने से पहले बहुत ज़्यादा पानी पीते हैं या मूत्राशय से जुड़ी कोई समस्या है, तो आपको रात में कई बार पेशाब आने की इच्छा होती है। इससे आपकी नींद में खलल पड़ता है।
छठा कारण है आपका सोने का समय। अगर आपने अपने सोने का समय तय नहीं किया है। या आप सोने से पहले फ़ोन या लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं, तो इससे शरीर की जैविक घड़ी गड़बड़ा जाती है। जिससे नींद आने में दिक्कत होती है। अगर किसी तरह नींद आ भी जाए, तो गहरी नींद नहीं आ पाती।
अगर आप अच्छी और गहरी नींद चाहते हैं, तो सबसे पहले सोने और जागने का समय तय करें। सोने से कम से कम एक घंटा पहले फ़ोन या लैपटॉप का इस्तेमाल न करें। इसकी जगह आप कोई किताब पढ़ सकते हैं। साथ ही, रात में जल्दी खाना खाएँ ताकि उसे पचने का समय मिले। सोने से पहले कैफीन युक्त चीज़ें पीने से बचें। अगर तनाव बहुत ज़्यादा है, तो उसे कम करें। इसके लिए अपने मन की बात और तनाव अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा करें। तनाव से निपटने के लिए आप पेशेवर मदद भी ले सकते हैं। वहीं, अगर नींद से जुड़ी कोई बीमारी है, तो डॉक्टर से सलाह लें और इलाज करवाएँ।