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देश में पहला चुनाव कराना  था कठिन….जानें किस तरह किया वोटरों को जागरूक

By admin

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सोशल संवाद/डेस्क : देश में 2024 के लोकसभा चुनावों का ऐलान हो चुका है. अब तक सात दशकों से अधिक समय में देश में 15 प्रधानमंत्रियों को देखा है. 18वीं लोकसभा चुनने का काम 19 अप्रैल से 1 जून के बीच किया जाएगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में पहला चुनाव कब हुआ था. दरअसल 26 जनवरी 1950 को देश में संविधान तो लागू हो गया, लेकिन लोकतंत्र बनने के लिए जरूरी थे आम चुनाव.

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पहले चुनाव लगभग 72 साल पहले 25 अक्टूबर 1951 से 21 फरवरी 1952 तक लगभग पांच माह चले थे. हिंदुस्तान का पहला आम चुनाव कई चीजों के अलावा एक विश्वास का विषय था. एक नया नया आजादा हुआ मुल्क सार्वभौम मताधिकार के तहत सीधे तौर पर अपने हुक्मरानों को चुनने जा रहा था. इसने वो रास्ता अख्तियार नहीं किया जो पश्चिमी देशों ने किया था. वहां पहले कुछ शक्तिशाली तबकों को ही मतदान का अधिकार दिया गया था. लेकिन हिंदुस्तान में ऐसा नहीं हुआ. देश 1947 में आजादा हुआ और इसके दौ सालों के बाद यहां एक चुनाव आयोग का गठन कर दिया गया. इतिहासकार रामचंद्र गुहा की किताब भारत: गांधी के बाद के मुताबिक मार्च 1950 में सुकुमार सेन को मुख्य चुनाव आयुक्त बनाया गया. इसके अगले ही महीने जनप्रतिनिधि कानून संसद में पारित कर दिया गया. इस कानून को पेश करते हुए संसद में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने ये उम्मीद जाहिर की थी कि साल 1951 के वसंत तक चुनाव करवा लिए जाएंगे. इस मामले में नेहरू की जल्दबाजी समझी जा सकती थी लेकिन जिस व्यक्ति के जिम्मे चुनाव करवाने का काम था, उसके लिए यह मुश्किल काम था. 

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