January 3, 2025 1:23 pm

जमशेदपुर हॉर्टिकल्चरल सोसायटी ने 34वें वार्षिक फूल प्रदर्शनी और 41वें अखिल भारतीय गुलाब सम्मेलन का आयोजन किया

जमशेदपुर हॉर्टिकल्चरल सोसायटी ने 34वें वार्षिक फूल प्रदर्शनी

सोशल संवाद / जमशेदपुर : जमशेदपुर हॉर्टिकल्चरल सोसायटी ने टाटा स्टील UISL के सहयोग और टाटा स्टील के प्रायोजन में 29 दिसंबर 2024 से 1 जनवरी 2025 तक 34वें वार्षिक फूल प्रदर्शनी और 41वें अखिल भारतीय गुलाब सम्मेलन का सफल आयोजन किया। इस आयोजन में भारत भर से बागवानी प्रेमी शामिल हुए और इसे अद्भुत पुष्पों, नवाचारी पुष्प डिज़ाइनों और बागवानी कौशल का भव्य प्रदर्शन बनाया।

यह भी पढ़े : सत्कर्म करने वालों के हृदय में होता हैं भगवान का वास- वृजनंदन शास्त्री

इस फूल प्रदर्शनी में 50 शौकिया प्रतियोगियों और 25 संस्थानों ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने आठ विभिन्न श्रेणियों में प्रतिस्पर्धा की: क्राइसेन्थेमम, डेहलिया, गमले के पौधे, बोन्साई, गमले में फल और सब्जियाँ, मौसमी पौधे, कटे हुए फूल और औषधीय पौधे। कुल 169 खंडों में प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं। इसके अतिरिक्त, एक चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमें 500 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत एक तकनीकी कार्यशाला से हुई, जिसमें 120 छात्रों और आगंतुकों ने भाग लिया। इस कार्यशाला का विषय था “मिट्टी रहित परिस्थितियों में गुलाब की पारंपरिक खेती के तरीके”, जिसने सतत बागवानी के क्षेत्र में नई जानकारियाँ प्रदान कीं।

30 दिसंबर को आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में टाटा स्टील के उपाध्यक्ष (रॉ मटेरियल्स) डी.बी. सुंदर रमन उपस्थित थे। अन्य प्रमुख अतिथियों में शामिल थे चाणक्य चौधरी, उपाध्यक्ष (कॉरपोरेट सेवाएँ), टाटा स्टील, रुचि नरेन्द्रन, अध्यक्षा, जमशेदपुर हॉर्टिकल्चरल सोसायटी, सुमिता नुपुर, अध्यक्ष, जमशेदपुर हॉर्टिकल्चरल सोसायटी, संयोजिता धनवंतरि, अध्यक्ष, भारतीय गुलाब महासंघ एवं अनुराधा महापात्रा, महासचिव, जमशेदपुर हॉर्टिकल्चरल सोसायटी।

इस आयोजन में न केवल सुंदर पुष्प सज्जा और दुर्लभ गुलाब प्रजातियों का प्रदर्शन हुआ, बल्कि बागवानी विशेषज्ञों और शौकीनों के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच भी प्रदान किया गया। कार्यशालाओं और संवाद सत्रों के माध्यम से आधुनिक बागवानी तकनीकों और स्थायित्व पर जोर दिया गया। जमशेदपुर हॉर्टिकल्चरल सोसायटी प्रकृति की सुंदरता और बागवानी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस आयोजन ने संस्था के इतिहास में एक और उल्लेखनीय उपलब्धि जोड़ी।

Print
Facebook
Twitter
Telegram
WhatsApp
Black Forest Cake का नाम Black Forest कैसे पड़ा ? क्या है Tesla car की खासियत sugar बढ़ने के लक्षण Keyboards पर QWERTY क्रम में क्यों रहते हैं अक्षर इस देश में नहीं है एक भी मच्छर धोनी के 10 सबसे महंगे बाइक कच्चा केला खाने से क्या होता है रोजाना काजू खाने के फायदे ससुराल को स्वर्ग बना देती हैं इन 4 राशि की लड़कियां क्या है दूध पीने का सही तरीका