सोशल संवाद / जमशेदपुर : जमशेदपुर जैन समाज 20 से 27 अगस्त तक पर्युषण पर्व मनाएगा। इस दौरान युवा सोशल मीडिया से दूरी बनाकर ई-उपवास करेंगे।

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जमशेदपुर में पहली बार ई-उपवास का संकल्प
जमशेदपुर के जैन समाज ने इस साल पर्युषण पर्व को खास बनाने का फैसला किया है। 20 अगस्त से 27 अगस्त तक चलने वाले आठ दिन के इस पावन पर्व में कई युवा ई-उपवास (Social Media Detox) करेंगे। इसका मतलब है कि वे फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और अन्य सोशल प्लेटफॉर्म्स से पूरी तरह दूर रहेंगे और अपना समय धर्म, साधना और सेवा में लगाएंगे।
जैन समाज का सबसे बड़ा पर्व – पर्युषण
पर्युषण पर्व जैन धर्म का सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। इस दौरान समाज के लोग उपवास, ध्यान, स्वाध्याय और भक्ति में लीन रहते हैं।
- सुबह 6:30 बजे प्रभात फेरी निकाली जाएगी
- शाम 6:15 बजे प्रतिक्रमण का आयोजन होगा
- बच्चों और महिलाओं के लिए विशेष धार्मिक कार्यक्रम होंगे
आत्मशुद्धि और संयम का संदेश
जैन धर्म के अनुसार पर्युषण आत्मशुद्धि और संयम का प्रतीक है। इस दौरान लोग झूठ, गुस्सा, लालच, हिंसा जैसी नकारात्मक आदतों से दूरी बनाते हैं और आत्मा को शुद्ध करने का प्रयास करते हैं। ई-उपवास का उद्देश्य युवाओं को यह समझाना है कि सच्ची खुशी लाइक्स और फॉलोअर्स में नहीं, बल्कि आत्मिक शांति और संयम में है।
धार्मिक प्रतियोगिताएं और विशेष आयोजन
इस साल कमानी जैन भवन में पहली बार धार्मिक प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा, जिसमें बच्चे और युवा भाग लेंगे। वहीं गोलमुरी मंदिर में 28 अगस्त को भव्य अभिषेक और मेला भी लगेगा।
प्रेरणादायक पहल
आज के समय में जब सोशल मीडिया युवाओं की दिनचर्या का अहम हिस्सा बन चुका है, ऐसे में जमशेदपुर जैन समाज का यह ई-उपवास वाकई प्रेरणादायक है। यह पहल न केवल आत्मिक शांति का मार्ग दिखाती है, बल्कि समाज को संयम, शांति और सकारात्मकता की सीख भी देती है।








