सोशल संवाद डेस्क : भगवान हनुमान को एक नहीं बल्कि कई नामों से जाना जाता है । हनुमान जी के सभी नामों का वर्णन हनुमान चालीसा में भी मिलता है । हनुमान जी के जितने भी नाम हैं, उन सभी से जुड़ी रोचक कथा भी है । आइये हनुमान जी के कुछ नामो के पीछे की कहानियाँ जानते है।
- हनुमान-पौराणिक कथा के अनुसार, हनुमान जी के बचपन का नाम मारुति है । एक बार मारुति ने सूर्य को देख उसे पका हुआ फल समझ लिया । मारुति के मन में उसे खाने की लालसा हुई और उन्होंने सूरज को निगल लिया । इससे पूरे संसार में अंधेरा छा गया था । देवता से लेकर मानव सभी परेशान हो गए । सारे देवगण आकर मारुति से विनती करने लगे की वह सूरज को उगल दे लेकिन छोटे मारुति ने ऐसा नहीं किया। जब इस बात की खबर स्वर्ग देवराज इंद्र को पता लगी तो वह बेहद गुस्सा हुए। और गुस्से में आकर उन्होंने अपने वज्र से हनुमान जी की ठोढ़ी पर प्रहार किया जिसके चलते वह टुट गई। ठोढ़ी को वैसे संस्कृत में हनु भी कहा जाता है। बस इसी घटना की बाद से बजरंगबली का नाम हनुमान पड़ गया।
- पवनपुत्र- हनुमान जी की माता का नाम अंजनी और पिता का नाम केसरी था, लेकिन फिर भी उन्हें पवनपुत्र के नाम से जाना जाता है। कहते है, माता अंजनी ने अपनी तपस्या से वायुदेव के प्रसन्न किया था और वायुदेव ने माता अंजनी को पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया । वायुदेव के आशीर्वाद से ही केसरी और अंजनी को पुत्र की प्राप्ति हुई । वायुदेव के आशीर्वाद से जन्म होने के कारण ऋषि-मुनियों ने मारुति को वायुपुत्र और पवनपुत्र जैसे नाम दिए।
- केसरीनंदन- हनुमान जी को केसरीनंदन भी बुलाया जाता है। अंजनी पूर्व जन्म में देव कन्या थीं, जिसका नाम पुंजिकस्थला था। पुंजिकस्थला रूपवती और चंचल स्वभाव की थी । अपने स्वभाव के कारण उन्होंने एक बार तपस्या करते हुए एक ऋषि के साथ अभद्रता कर दी, जिससे ऋषि का तपस्या भंग हो गई । क्रोधित होकर ऋषि से पुंजिकस्थला को श्राप दे दिया, कि वह अगले जन्म में जिस व्यक्ति से प्रेम करेगी उसका मुख वानर की तरह होगा। भविष्य में अंजनी का विवाह केसरी नामक वानर से हुआ । पिता के नाम पर ही हनुमान जी का नाम केसरीनंदन भी पड़ा ।
- बजरंगबली- पौराणिक कथाओं के अनुसार हनुमान जी का शरीर व्रज के समान बलवान है, वे कंधे पर जनेऊ, सिर पर स्वर्ण मुकुट और हाथ में गदा धारण किए होते हैं । अत्यंत महाबली होने के कारण उन्हें बजरंगबली कहा जाता है । बजरंग का अर्थ है केसरी रंग और बली का अर्थ होता है शक्तिशाली या बलवान ।
- संकट मोचन- भगवान हनुमान के कई नामों में एक नाम संकट मोचन भी है । हनुमान जी के संकट मोचन नाम का कारण यह है कि उन्होंने हमेशा संकटों को दूर कर सबकी रक्षा की है । राम जी के आदेश पर हनुमान जी माता सीता को लंका से वापस लेकर आए, लक्ष्मण जी के लिए संजीवनी बूटी ढूंढकर लाई और जब कभी भी भगवान राम पर कोई विपदा आई तो हनुमान जी ने हर संकट को दूर किया । इसी तरह भगवान अपने भक्तों के सारे संकट भी दूर करते हैं । इसलिए उन्हें संकटमोचन भी कहा जाता है ।