सोशल संवाद/डेस्क : इश्वर को पाने के कई उपाय है और अगर कोई ऐसा करने के लिए भक्ति मार्ग को चुनता है तो वो अपने अनुसार भजन,कीर्तन,जप या सुमिरन चुन सकता है। इन चारो मार्गो से इश्वर को पाया जा सकता है लेकिन बोहोत कम लोगो को इनमे अंतर पता होता है।
सबसे व्यक्तिगत और शांत तरीका है सुमिरन या स्मरण । इसमें आप मन में ही इश्वर की भक्ति कर सकते है और शब्दों की भी ज़रूरत नहीं होती इससे थोड़ा सा ज्यादा व्यक्त तरीका है जाप का इनमे शब्दों या मंत्रो को बोला तो जाता है मगर फुसफुसा कर लेकिन जब आप इन्ही शब्दों को गा कर इनमे संगीत का प्रयोग कर देते है तो इसे भजन कहते है,और इसी भजन में जब दुसरे भक्तों को जोड़ा जाता है और उसमे नृत्य नाट्य भी जुड़ जाता है तो उसे कीर्तन कहते है।