---Advertisement---

लालू बोले- 2 गुजराती बिहारियों से वोटिंग राइट्स छीन रहे:तेजस्वी ने कहा- 9 जुलाई को बिहार बंद

By Riya Kumari

Published :

Follow
Lalu said- 2 Gujaratis are taking away voting rights from Biharis

Join WhatsApp

Join Now

सोशल संवाद/डेस्क : बिहार चुनाव से पहले हो रहे वोटर लिस्ट रिवीजन पर सियासत गर्म है। विपक्ष ने 9 जुलाई को बिहार बंद बुलाया है। इसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल होंगे। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने वोटर लिस्ट रिवीजन की प्रक्रिया को ‘वोट बंदी’ करार दिया है। इसे लेकर उन्होंने आज यानी सोमवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की।

यह भी पढ़े : वक्फ कानून-केंद्र सरकार ने नए नियमों का नोटिफिकेशन किया जारी, सभी वक्फ संपत्ति का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होगा

तेजस्वी ने कहा, ‘6 जुलाई को इलेक्शन कमीशन से मिलने गए थे, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि पटना का इलेक्शन कमीशन कोई काम का नहीं है, पोस्ट ऑफिस जैसा है, निर्णय लेने लायक नहीं है।’

लालू बोले- दो गुजरातियों को बिहारियों से नफरत

इधर पूरे मामले पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने यादव ने PM मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को आड़े हाथों लियाहै। लालू ने सोशल मीडिया X पर लिखा, ‘दो गुजराती मिलकर 8 करोड़ बिहारियों के वोट का अधिकार छीनने का प्रयास कर रहे हैं।’ ‘इन दो गुजरातियों को बिहार, संविधान और लोकतंत्र से सख्त नफरत है। जागो और आवाज उठाओ.. लोकतंत्र और संविधान बचाओ।’

सहनी बोले- टीचर्स की ड्यूटी लगाई, स्कूलों में पढ़ाई ठप

मुकेश सहनी ने चुनाव आयोग से मतदाता पुनरीक्षण कार्य को रोकने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ‘चुनाव आयोग को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए। आज मतदाता पुनरीक्षण कार्य के दौरान बिहार के सभी स्कूलों का कार्य ठप है। सभी शिक्षकों को इस कार्य में लगाया गया है।’ उन्होंने चुनाव आयोग से आग्रह करते हुए कहा कि ‘वे सोशल साइटों पर किए जा रहे कमेंट्स को पढ़ें, उसे समझ में आ जाएगा कि बिहार की जनता सोच क्या रही है। बिहार की जनता चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा कर रही है, जिसे आयोग को गंभीरता से समझने की जरूरत है।’

‎’चुनाव आयोग मतदाता पुनरीक्षण कार्य को वापस लेना चाहिए। अभी चुनाव आयोग का कहना है कि बिना पेपर के भी अपलोड किया जा सकता है। लेकिन, बीएलओ कार्यों से परेशान है। उन्होंने कहा कि अगर किसी बूथ पर 200 मतदाता का नाम कट जाता है तो इससे स्थिति खराब होगी। बीएलओ के साथ ही लोग मारपीट करने लगेंगे।’

‘चुनाव आयोग चुनाव कराना चाहती है या मारपीट कराना चाहती है। बिहार में लोकतंत्र है। जनता मालिक है और जनता के खिलाफ ही षड्यंत्र रचा जा रहा है। उन्होंने सत्ता पक्ष द्वारा इस मामले में सामने नहीं आने पर कहा कि जनता की परेशानियों से उन्हें कोई मतलब नहीं है, यही कारण है कि वे चुप हैं।’

10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

बिहार में हो रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार हो गया है। 10 जुलाई को मामले की सुनवाई होगी। 5 जुलाई को गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने SC में याचिका दाखिल कर बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण के चुनाव आयोग के आदेश को रद्द करने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग का ये आदेश संविधान के अनुच्छेद 14,19,21,325 और 326 और जनप्रतिनिधित्व कानून 1950, साथी ही उसके रजिस्ट्रेशन ऑफ इलेक्टोरल रूल 1960 के नियम 21A का उल्लंघन है।

EC का दावा- वैलिड वोटर का नाम नहीं कटेगा

इधर चुनाव आयोग ने साफ कहा है कि वेरिफिकेशन (सत्यापन) का काम आर्टिकल-326 और लोक प्रतिनिधित्व कानून के दायरे में ही किया जा रहा है। इससे किसी वैलिड (वैध) वोटर का नाम नहीं कटेगा, बल्कि विदेशी घुसपैठियों सहित वोटर लिस्ट में गलत तरीके से नाम जुड़वाने वाले बाहर होंगे।

YouTube Join Now
Facebook Join Now
Social Samvad MagazineJoin Now
---Advertisement---

Leave a Comment