सोशल संवाद / नई दिल्ली: आधी आबादी के हक और हिस्सेदारी के लिए महिला कांग्रेस आगामी 29 जुलाई से देशव्यापी आंदोलन की शुरुआत करने जा रही है। आंदोलन देश की राजधानी दिल्ली से निकलता हुआ हर राज्य व उसकी राजधानी से गुजरेगा। इस आंदोलन की तीन मुख्य मांगें रहेंगी, जिनमें महिला आरक्षण विधेयक एवं महालक्ष्मी योजना लागू करने और महिलाओं के उत्पीड़न पर रोक लगाने की मांग शामिल हैं।
नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने दिल्ली के जंतर-मंतर से शुरू होने वाले आंदोलन और उसकी प्रमुख मांगों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
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अलका लांबा ने पहली मांग के बारे में बताते हुए कहा कि राजनीतिक न्याय के तहत 33 प्रतिशत महिला आरक्षण विधेयक को तुरंत लागू किया जाए। इस आरक्षण में एससी-एसटी और पिछड़े वर्ग की ओबीसी बहनों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए और कानून लागू किया जाए। जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, वहां भी इस पर चर्चा कर इसे लागू किया जाए।
दूसरी मांग सामने रखते हुए अलका लांबा ने कहा कि आज महिलाएं बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई का शिकार हो रही हैं। जिसके कारण महिलाओं को घरेलू हिंसा भी सहनी पड़ रही है। हम महिलाओं के लिए आर्थिक न्याय के तहत महालक्ष्मी योजना लागू करने की मांग करते हैं। जिसमें हर गरीब परिवार की एक महिला को सालाना एक लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाए।
तीसरी मांग के बारे में बताते हुए लांबा ने कहा कि सामाजिक न्याय के तहत महिलाओं को सुरक्षा का अधिकार मिलना चाहिए। भाजपा सरकार में महिलाओं पर अत्याचार लगातार बढ़ता जा रहा है। अपराधियों में कानून का डर खत्म होता जा रहा है। ऐसे कई उदाहरण हैं, जो शर्मसार करने वाले हैं। मध्य प्रदेश के रीवा में दो महिलाओं को दबंगों ने जिंदा गाड़ दिया।
नवी मुंबई में 30 साल की महिला का सामूहिक बलात्कार कर हत्या कर दी गई। महाराष्ट्र के ठाणे में नौ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई। राजस्थान में छह महीने में महिला अपराध की 20 हजार घटनाएं सामने आई हैं। उम्मीद की जा रही थी कि बजट में महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस में महिलाओं की भर्ती और सक्रिय महिला थानों की बात होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अलका लांबा ने आगे कहा, कांग्रेस मांग करती है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों पर नकेल कसी जाए, ताकि महिलाएं सुरक्षित महसूस कर सकें।
अलका लांबा ने कहा कि कांग्रेस का ये आंदोलन हर घर तक पहुंचेगा। जब तब हमारी तीनों मांगों को पूरा नहीं किया जाता, हम ये आंदोलन रोकने वाले नहीं हैं। महिलाओं के अधिकारों की ये आवाज सदन के बाहर और अंदर, दोनों जगह उठाई जाएगी।
उन्होंने आगे कहा, दिल्ली पुलिस इस आंदोलन के लिए विभिन्न प्रदेशों से आने वाली महिला कांग्रेस की पदाधिकारियों से फोन पर पूछताछ कर रही है, उनके आने और रुकने की जानकारी ले रही है। अगर दिल्ली पुलिस सोच रही है कि वो इस आंदोलन को रोक पाएगी, तो वो गलत सोच रही है। हम गांधीवादी तरीके से सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए अपनी आवाज उठाएंगे और सरकार को सुनना होगा।