सोशल संवाद / रांची : झारखंड की मंईयां सम्मान योजना में बड़े स्तर पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला अनुमंडल अंतर्गत गालूडीह थाना क्षेत्र में इस योजना का लाभ अनाधिकृत रूप से लेने के आरोप में 172 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह एफआईआर 9 जुलाई को हेंदलजुड़ी पंचायत की प्रभारी सचिव मंगल टुडू की शिकायत पर दर्ज हुई है। योजना केवल झारखंड की महिलाओं के लिए निर्धारित थी, लेकिन जांच में सामने आया है कि आरोपियों में 39 बिहार के किशनगंज जिले और 133 पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के निवासी हैं। यानी इन लाभार्थियों का झारखंड से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन आरोपियों में 40 पुरुष भी शामिल हैं, जिन्होंने खुद को महिला बताकर योजना का लाभ उठाया। इन लोगों ने आवेदन फॉर्म में “पति का नाम” कॉलम में भी पुरुषों के नाम दर्ज किए हैं, जिससे फर्जीवाड़ा स्पष्ट होता है। इसके अलावा, 12 ऐसे लोग भी लाभार्थियों की सूची में शामिल पाए गए जिनका कोई स्पष्ट या सत्यापित पता नहीं है। सभी 172 व्यक्तियों ने ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के दौरान फर्जी दस्तावेजों का उपयोग किया और खुद को महिला दर्शाया। इनमें से 10 पुरुष बिहार और 30 पुरुष पश्चिम बंगाल से हैं।
इस पूरे प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए अब इसकी जांच झारखंड पुलिस की सीआईडी को सौंपी जाएगी। सीआईडी यह पता लगाएगी कि क्या इस तरह की धोखाधड़ी अन्य जिलों में भी हुई है और इसमें किन-किन लोगों की संलिप्तता है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 318(4), 338, 339, 336 और 61(2)/3(5), तथा आईटी अधिनियम की धाराओं 65, 66(C), और 66(D) के तहत मामला दर्ज किया गया है।