सोशल संवाद / जमशेदपुर : टाटा कमांड एरिया की लीज वाली जमीनों की रजिस्ट्री पिछले आठ वर्षों से बंद होने का मुद्दा बुधवार को विधानसभा में गर्मा गया। जमशेदपुर पूर्वी की विधायक पूर्णिमा साहू द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में सरकार ने रजिस्ट्री बंद होने तथा इससे जनता को हो रही परेशानी और राजस्व हानि से संबंधित दोनों बिंदुओं पर अस्वीकारात्मक जवाब दिया।

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साथ ही यह भी कहा कि रजिस्ट्री शुरू करने को लेकर सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। सरकार के इस जवाब ने नई बहस छेड़ दी है। क्योंकि स्थानीय लोगों और जमीन हस्तांतरण से जुड़े दस्तावेजों के जानकारों के अनुसार टाटा कमांड एरिया में रजिस्ट्री पिछले करीब आठ साल से बंद है, जिसके कारण हजारों लाभुक गंभीर परेशानी का सामना कर रहे हैं और राज्य सरकार को भी अब तक करीब 600 करोड़ रुपये के राजस्व के नुकसान का अनुमान है।
सदन में सरकार के जवाब पर नाराजगी व्यक्त करते हुए विधायक पूर्णिमा साहू ने कहा कि सरकार ने जवाब से विधानसभा को गुमराह किया है। सरकार का अस्वीकारात्मक जवाब जनहित के मुद्दों को कमजोर करने और वास्तविकता को छिपाने जैसा है। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जनता की समस्याओं और राजस्व हानि जैसे गंभीर विषयों पर सरकार स्पष्ट और तथ्यपूर्ण उत्तर देने से बच रही है। हर कोई जानता है कि टाटा कमांड एरिया में वर्षों से रजिस्ट्री बंद है। इसके बावजूद सरकार द्वारा इसपर अस्वीकारात्मक जवाब देना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
विधायक पूर्णिमा साहू ने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि आखिर किन परिस्थितियों में रजिस्ट्री को बंद किया गया और यह किनके इशारे पर हुआ। जब वर्षों तक रजिस्ट्री की प्रक्रिया चलती रही और सरकार को लगातार राजस्व मिलता रहा, तो अचानक इसे क्यों रोक दिया गया।
उन्होंने सरकार से यह भी मांग की कि रजिस्ट्री बंद होने से पहले तक जिन वर्षों में राजस्व प्राप्त हुआ, उसका पूरा विवरण सदन को उपलब्ध कराया जाए, ताकि वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो सके। कहा कि रजिस्ट्री बंद होने से हजारों लोगों के जमीन संबंधी कार्य लंबित पड़े हैं, जिससे उन्हें भारी आर्थिक और कानूनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार तुरंत तकनीकी बाधाओं को दूर कर रजिस्ट्री प्रक्रिया बहाल करे जिससे जनता को राहत मिले और राज्य के राजस्व को भी मजबूती मिल सके।








