सोशल संवाद / पटना : बिहार में जिस तरह से अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं उससे नीतीश कुमार की सरकार की साख पर बट्टा रख रहा है। राजधान पटना में ही बीते 24 घंटे में दो मर्डर हो गए। बिहार में 1 जुलाई से 16 जुलाई के बीच 16 दिन में 60 से ज्यादा मर्डर हो चुके हैं। जनवरी से अब तक राज्य में 1400 से ज्यादा मर्डर हो चुके हैं। सिर्फ 6 महीने में 1376 मर्डर हुए हैं। बिहार में हर महीने औसतन 229 लोगों का मर्डर हो रहा है। खास बात है कि अगले दो-तीन महीना में राज्य में चुनाव की घोषणा होने वाले हैं। चुनाव से पहले बढ़ रही हत्या एवं अपराध चिंता जनक है। जब चुनाव आएंगे तब क्राइम का ग्राफ कितना बढ़ेगा कहना मुश्किल है।

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जुलाई में हत्या की प्रमुख वारदातें
- 17 जुलाई को गैंगस्टर चन्दन मिश्रा का मर्डर पारस हॉस्पिटल में कर दिया गया।
- 13 जुलाई को वकील जितेंद्र मेहता का मर्डर कर दिया गया।
- 12 जुलाई को व्यापारी विक्रम झा की हत्या कर दी गई।
- 11 जुलाई को बालू व्यापारी रमाकांत यादव की हत्या कर दी गई।

4 जुलाई को बड़े कारोबारी गोपाल खेमका का मर्डर कर दिया गया।
मगर पटना पुलिस शूटरों का शूटआउट करने के बजाय आंकड़ों में मगन है। वो बता रहे हैं इस सीजन में पिछले साल से कम हत्याए हुई हैं। ये कुछ वैसा ही है दिल बहलाने के लिए गालिब खयाल अच्छा है। अब बिहार पुलिस को NCRB का डेटा देखना चाहिए और आंकड़ों के बजाय लोगों की सुरक्षा पुख्ता करनी चाहिए।
2024 में अपराध के आंकड़े
बिहार में साल 2024 के आंकडे कहते हैं कि हर 3 घंटे में 1 मर्डर और डेली 7 कत्ल हुए। हर हफ्ते 49 मर्डर कर दिए गए। साल 2023 में हर 3 घंटे में 1 मर्डर और रोज़ाना 8 कत्ल हुए। हफ्ते का आंकड़ा 56 मर्डर तक पहुंच गया। साल 2022 में हर 3 घंटे में 1 मर्डर हुआ और रोज़ना 8 मर्डर हुए। हर हफ़्ते 56 मर्डर हुए।
ये हैं एनसीआरबी के डेटा :
एनसीआरबी का डेटा कहता है बिहार में अपराध का आंकड़ा जरूर कम हुआ है। बिहार हत्याओं के मामले में भी देश में दूसरे नंबर पर है। चोरी के मामले में बिहार देश में नंबर 4 पर है। ये चुनावी साल है लिहाजा लॉ एंड ऑर्डर पर बवाल ज्यादा है। ये दलीलें सुशासन बाबू की सरकार दे रही है।








