सोशल संवाद / नई दिल्ली : रायपुर सांसद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता श्री बृजमोहन अग्रवाल ने मंगलवार को संसद में प्रश्नकाल के दौरान छत्तीसगढ़ में सहकारी बैंकों, छोटे किसान-व्यापारियों के आर्थिक विकास और डेयरी सहकारी समितियों को मजबूत बनाने से संबंधित महत्वपूर्ण सवाल उठाए। उन्होंने केंद्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह से यह जानकारी मांगी कि सरकार गांवों और शहरों में नई सहकारी समितियों की स्थापना तथा मौजूदा समितियों को सशक्त करने के लिए क्या कदम उठा रही है।
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सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने विशेष रूप से छत्तीसगढ़ में सहकारी बैंकों के कार्यक्रमों में सुधार लाने और छोटे किसानों एवं व्यापारियों को सरलता से ऋण उपलब्ध कराने की नीतियों के बारे में पूछताछ की। साथ ही, उन्होंने सरकार की डेयरी सहकारी तंत्र विकसित करने, दूध उत्पादकों को उचित मूल्य दिलाने, सहकारी संगठनों के माध्यम से महिलाओं और युवाओं के स्वरोजगार को बढ़ावा देने एवं कृषि आधारित उद्योगों को वित्तीय सहायता देने की योजनाओं पर भी जानकारी मांगी।
केंद्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह का उत्तर:
केंद्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने संसद में बताया कि केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में सहकारी बैंकों और छोटे किसानों-व्यापारियों को सशक्त करने के लिए व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने देशभर में 2 लाख बहुउद्देशीय पैक्स, डेयरी और मात्स्यिकी सहकारी समितियों की स्थापना की योजना को मंजूरी दी है, जिसे राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, राष्ट्रीय मत्स्यकी विकास बोर्ड एवं राज्य सरकारों के सहयोग से क्रियान्वित किया जा रहा है।
श्री अमित शाह ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने श्वेत क्रांति 2 पहल की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य संगठित डेयरी सेक्टर में डेयरी सहकारी समितियों की हिस्सेदारी बढ़ाना, छोटे डेयरी किसानों को बाजार उपलब्ध कराना और महिला सशक्तिकरण में योगदान देना है। सरकार का लक्ष्य अगले 5 वर्षों में डेयरी सहकारी समितियों की दूध खरीद को 50% तक बढ़ाना है। इस दिशा में अब तक 8,294 नई डेयरी सहकारी समितियां पंजीकृत की जा चुकी हैं।
सहकारिता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम:
- सहकारी समितियों के माध्यम से महिलाओं और युवाओं को स्वरोजगार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहा है।
- अब तक 1,90,894 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया है, जिसमें 38,179 महिलाएं शामिल हैं।
- वर्ष 2024-25 में सहकारी समितियों के विकास के लिए 89,750 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है।
- शहरी सहकारी बैंकों के लिए आवास ऋण सीमा को 30 लाख रुपये से बढ़ाकर 60 लाख रुपये कर दिया गया है, जबकि ग्रामीण सहकारी बैंकों के लिए यह सीमा 75 लाख रुपये कर दी गई है।
- सहकारी बैंकों से मिलने वाले ऋण पर 85% तक जोखिम कवरेज उपलब्ध कराया गया है, जिससे छोटे किसानों और व्यापारियों को आसानी से ऋण मिल सकेगा।
- सहकारी बैंकों से कोलेटरल-मुक्त ऋण उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को आसान बनाया गया है।
- 1500 शहरी सहकारी बैंकों को आवश्यक सूचना प्रौद्योगिकी, संरचना और प्रचालन सहायता प्रदान करने के लिए नेशनल फेडरेशन ऑफ अर्बन कोऑपरेटिव बैंक्स एंड क्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड की स्थापना की गई है।
छत्तीसगढ़ के किसानों और व्यापारियों को होगा लाभ
सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा सहकारी क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाए जा रहे हैं, जिससे छत्तीसगढ़ के किसानों, व्यापारियों और छोटे उद्यमियों को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों के माध्यम से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार सृजन, कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा और छोटे व्यापारियों को वित्तीय सहायता सुनिश्चित की जा रही है।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि केंद्र सरकार की नई सहकारी योजनाएं छत्तीसगढ़ में किसानों, दुग्ध उत्पादकों, महिला उद्यमियों और छोटे व्यापारियों के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
