सोशल संवाद / नई दिल्ली : लोकसभा में तकनीकी शिक्षा के भविष्य से जुड़े अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दों पर रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने देश के युवाओं को कृत्रिम बुद्धिमत्ता, उन्नत रोबोटिक्स, जीन-संपादन (CRISPR) जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों पर जानकारी मांगी।

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सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने बहुविषयक तकनीकी शिक्षा, नवाचार-उन्मुख अनुसंधान, वित्तीय प्रावधान, संस्थानों के चयन मानदंड और इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम से लाभान्वित होने वाले विद्यार्थियों की संभावित संख्या से संबंधित व्यापक प्रश्नों के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि वे देश की तकनीकी शिक्षा प्रणाली को मजबूत और भविष्य-उन्मुख बनाने के लिए कितने संकल्पबद्ध हैं।
शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुकान्त मजूमदार ने सांसद बृजमोहन अग्रवाल द्वारा उठाए गए सभी बिंदुओं पर विस्तृत उत्तर दिया। उन्होंने बताया कि, NEP-2020 के अनुरूप एआई, डेटा साइंस, रोबोटिक्स, स्पेस टेक्नोलॉजी आदि उभरते क्षेत्रों को तकनीकी पाठ्यक्रमों में शामिल किया जा रहा है।
एआईसीटीई द्वारा उद्योग-शैक्षणिक साझेदारी, नवाचार परिषदों, अत्याधुनिक पाठ्यक्रमों और इंटर्नशिप अवसरों को तेजी से बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि, 5 वर्षों के लिए 4200 करोड़ रुपये की लागत से देशभर की इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक शिक्षण व्यवस्था में विशाल सुधार लागू किए जा रहे हैं, जिससे लगभग 5.2 लाख विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।
हाल ही में सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने अपने संसदीय क्षेत्र के स्कूलों के लिए सांसद प्रतिनिधियों की नियुक्ति कर उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि प्रत्येक विद्यालय की आवश्यकता सीधे सांसद स्तर पर सुनी और पूरी की जा सके, जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शिक्षा के समान अवसर उपलब्ध कराने की उनकी दूरदृष्टि को दर्शाता है।








