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चैंबर में पत्र लिखना नहीं बल्कि वर्क कल्चर विकसीत करना मेरी प्राथमिकता- अभिषेक अग्रवाल गोल्डी

By admin

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सोशल संवाद/डेस्क : अमूमन संस्थाओं में यह देखा जाता है कि लोग पदाधिकारी बनने के लिये कई वादे करते हैं. किंतु इस बार चैंबर चुनाव में एक अप्रत्याशित उम्मीदवार भी मैदान में है, जिसने चुनाव लड़ने के पहले काम कर के दिखाया है. उत्साह, बुद्धिमता और दानवीरता से लबरेज युवा अभिषेक अग्रवाल गोल्डी उपाध्यक्ष जनसंपर्क एवं कल्याण पद के लिये प्रत्याशी हैं. आज चैंबर जिस नये लुक में दिखाई पड़ रहा है, उस सौंदर्यीकरण का अहम श्रेय गोल्डी अग्रवाल को जाता है.  विजय आनंद मूनका ने अध्यक्ष बनने के बाद एक पुरानी परंपरा को तोड़ते हुये वर्ष 2021 में चैंबर कमिटी में अभिषेक अग्रवाल गोल्डी को कॉप्ट (मनोनीत) किया, पूर्व में इस पद पर शहर के दिग्गजों को मनोनीत किया जाता रहा है.

अभिषेक अग्रवाल ने भी टीम विजय को निराश नहीं किया, उन्होंने चैंबर भवन के सौंदर्यीकरण की जिम्मेदारी स्वीकार की और सर्वप्रथम द्वितीय तल पर स्वयं प्रायोजित कर के पी सभागार का जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण किया. उसके बाद नगीन भाई पारीख सभागार, सी एल भालोटिया सभागार एवं टाटा सभागार को भव्य स्वरुप प्रदान किया. जिसमें टाटा सभागार को उद्यमी रमेश अग्रवाल ने प्रायोजित किया. गोल्डी अग्रवाल ने दूरदर्शी व कॉरपोरट सोच के तहत चैंबर भवन में पहली बार एक कॉन्फ्रेंस हॉल का निर्माण करवाया, जिसे युवा समाजसेवी शुभम सेन ने प्रायोजित किया. गोल्डी अग्रवाल ने पूर्व अध्यक्षों के सम्मान में एक पास्ट प्रेज़िडेंट्स गैलरी निर्मित की. इसके बाद मुख्य द्वार, बाउंड्रीवाल, प्रांगण व नाम पट्टिका का भव्य निर्माण किया.

अभिषेक अग्रवाल के कार्यों की फेहरिस्त चैंबर भवन तक ही सीमित नहीं है. उन्होंने श्री टाटानगर गौशाला में एक बार में 15 गाय दान दी. साथ ही वहाँ गोवर्धन मंदिर एवं गोपरिक्रमा का भव्य निर्माण करवाया. उन्होंने महालक्ष्मी मंदिर के द्वितीय तल पर के पी सभागार का निर्माण करवाया. अभिषेक अग्रवाल ने जुगसलाई के राजस्थान युवक मंडल का हॉल जो जीर्ण शीर्ण हो गया था, वहाँ भी भव्य के पी सभागार का निर्माण करवाया. अभिषेक अग्रवाल गोल्डी द्वारा घाटशिला मुक्तिधाम का सौंदर्यीकरण का कार्य जारी है.

अभिषेक अग्रवाल गोल्डी चैंबर चुनाव में उपाध्यक्ष जनसंपर्क एवं कल्याण पद पर उम्मीदवार हैं. इनका विजन है कि मीडियम स्केल कंपनियों के सीएसआर मद से जमशेदपुर के विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिये कार्य किये जाएं और चैंबर इसका माध्यम बने. गोल्डी अग्रवाल का मानना है कि चैंबर में पद का उपयोग केवल पत्राचार के लिये नहीं होना चाहिये बल्कि हमें काम को अंजाम देने की दिशा में प्रयास करना चाहिये. देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर कहते हैं कि विकास के लिये फ़ाइल कल्चर नहीं वर्क कल्चर विकसीत करना होगा. इस सूत्र को अपने जीवन में अपनाने वाले अभिषेक अग्रवाल गोल्डी उपाध्यक्ष के रुप में चैंबर के लिये जियाडा से एक भूमि आवंटित कराना चाहते हैं. जहाँ सालों भर व्यवसायीक एवं औद्योगिक मेलों का आयोजन हो सके.

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