सोशल संवाद / डेस्क : आज मोहम्मद सिराज को भारत क्या दुनिया के कोने कोने से लोग जानते है क्यूंकि उन्होंने काम ही ऐसा किया है की एक झटके में पूरी दुनिया उनकी मुरीद हो गयी लेकिन इस मुकाम तक पहुचने की कहानी अगर आप सुनेंगे तो सच में आप के भी आँखों से आंसू निकल आयेंगे। कभी उन्हें दिन के 70 रुपये मिलते थे जिसमे से 40 का तो वे तेल डलवाते थे, और क्रिकेट प्रैक्टिस के लिए जाते थे। उस वक्त उनके पास प्लेटिना बाइक हुआ करती थी। आज पूरी दुनिया उनको सलाम कर रही है! पिता ने ऑटो चलाकर बेटे को तैयार किया है, और आज बेटे ने उनके साथ दुनिए का भी नाम रौशन कर दिया इस समय वो दुनिया के बेहतरीन गेंदबाजों में से एक हैं। अपनी जिंदगी में आई मुसीबतों से लड़कर सिराज ने पहले भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी ख़ास जगह बनाई, इसके बाद वन डे किक्रेट में नंबर-1 गेंदबाज बनकर सबका ध्यान खींचा।
आपको बता दे मोहम्मद सिराज का जन्म 13 मार्च 1992 को हैदराबाद के एक गरीब परिवार में हुआ। उनके पिता मोहम्मद गौस एक ऑटो रिक्शा चालक थे। उनकी मां शबाना बेगम एक हाउस वाइफ हैं। आर्थिक तंगी के बावजूद सिराज के लिए क्रिकेट खेलना आसान नहीं था, लेकिन उनके पिता का सपना था कि उनका बेटा क्रिकेटर बने, जिसे सिराज ने अपनी मेहनत से पूरा किया और अपने परिवार का नाम रोशन कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिराज ने सात साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया। शुरुआत में वो टेनिस की गेंद से खेलते थे। 2015 में पहली बार उन्होंने लेदर की गेंद से क्रिकेट खेला, और क्रिकेट के दिग्गजों को प्रभावित करने में सफल रहे।
हैदराबाद की U19 टीम के बाद उन्होंने सीनियर और फिर रणजी टीम में जगह बनाई। लेकिन इसके लिए उनको काफी संघर्ष करना पड़ा। और अब 2023 में उनकी गेंदबाजी ने भारत को 5 साल बाद एशिया कप की ट्रोफी दिलाई एशिया कप फाइनल में उनकी गेंदबाजी का तो जवाब ही नहीं रहा । महज 50 रन में ही श्रीलंका टीम ढेर हो गयी जिसमे 6 विकेट अकेले सिराज ने ही लिए और प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब अपने नाम किया।
उन्होंने अपना टैलेंट और अपनी स्किल्स का बहतरीन नमूना पेश तो किया ही साथ ही हर किसि का दिल जित लिया। दरअसल सिराज को प्लेयर ऑफ द मैच जीतने के बाद प्राइज मनी के तौर पर 5000 यूएस डॉलर दिए गए। यानी कि करीब 4,15,451 भारतीय रुपये। लेकिन सिराज ने अपनी ये सारी धनराशि श्रीलंका के ग्राउंड स्टाफ को दे दी। सिराज के इस अच्छे काम के लिए मैच के बाद उनकी प्रशंसा जमकर की जा रही है। सिराज के इस कदम ने उन्हें भारत और श्री लंका दोनों देशो का जबरा फेन बना दिया है।