सोशल संवाद/डेस्क : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कोई फैसला नहीं सुनाया, वहीं राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी रिमांड 20 मई तक बढ़ा दी है. सात मई को अरविंद केजरीवाल की रिमांड अवधि समाप्त हो रही थी. आज सुबह दिल्ली शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई थी. सुनवाई के दौरान कोर्ट की कार्यवाही दो बार कुछ-कुछ देर के लिए रूकी, कोर्ट में जब दोपहर दो बजे के बाद सुनवाई शुरू हुई तो अरविंद केजरीवाल की वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई. आज की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ईडी से कई सवाल पूछे, जिसमें जांच में देरी और गवाहों से पूछताछ में देरी पर जानकारी मांगी गई. कोर्ट ने यह पूछा कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी चुनाव से पहले ही क्यों हुई?
अरविंद केजरीवाल चुने हुए मुख्यमंत्री : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि अरविंद केजरीवाल एक चुने हुए मुख्यमंत्री हैं, उनके चुनाव प्रचार करने में कोई दिक्कत नहीं हैं. कोर्ट ने कहा कि ये सामान्य परिस्थिति नहीं अभूतपूर्व हालात हैं. कोर्ट ने कहा कि चुनाव पांच साल में एक बार होते हैं, यह कोई हर छह महीने में होनी वाली फसल नहीं है. कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि यह अलग तरह का केस है. अगर चुनाव ना होते तो हम फैसला सुरक्षित रखते. पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चुनाव को देखते हुए अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने पर विचार किया जा सकता है. अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी 21 मार्च को हुई थी, वे अभी न्यायिक हिरासत में हैं.
अरविंद केजरीवाल आदतन अपराधी नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल कोई आदतन अपराधी नहीं हैं. उनपर कोई केस भी दर्ज नहीं है. कोर्ट ने कहा है कि उन्हें चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम बेल क्यों नहीं दिया जाए. इसपर ईडी की ओर से दलील दी गई है कि अरविंद केजरीवाल को अंतरिम बेल देने से गलत संदेश जाएगा. सीएम के साथ अलग व्यवहार उचित प्रतीत नहीं होता है. ईडी की ओर से यह कहा गया है कि चुनाव है, तो क्या सभी को जेल से छोड़ दिया जाए?