सोशल संवाद / डेस्क ( रिपोर्ट – सिद्धार्थ प्रकाश ):भारतीय न्यूज़ चैनल इस समय पूरी तरह से रूस के समर्थन में खड़े हैं, लेकिन हकीकत यह है कि वे पूरी तस्वीर को जनता के सामने नहीं रख रहे हैं। यूक्रेन और रूस के बीच चल रहा युद्ध दिन-ब-दिन और अधिक हिंसक होता जा रहा है, लेकिन भारतीय मीडिया इसे गंभीरता से लेने को तैयार नहीं है। वे न केवल इस युद्ध में रूस के कर्ज़ में डूबने और सैन्य संकट की अनदेखी कर रहे हैं, बल्कि पश्चिमी देशों की रणनीतियों को भी नजरअंदाज कर रहे हैं।
भारतीय मीडिया के चैनल केवल रूस का पक्ष लेने में लगे हुए हैं, लेकिन उनके पास कोई ठोस रिपोर्ट नहीं है, सिर्फ अपनी राय है। वे इस संघर्ष के पीछे की असली वजह और परिणामों को दिखाने की बजाय, केवल अपनी मनगढ़ंत राय जनता पर थोप रहे हैं। भारतीय दर्शकों को सही जानकारी नहीं दी जा रही, बल्कि उन्हें एक झूठी तस्वीर दिखाई जा रही है।
रूस की बदहाली और भारतीय मीडिया की चुप्पी
यूक्रेन द्वारा रूस पर किए गए हमलों ने उसकी अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। रूस को अब तक इस युद्ध में भारी वित्तीय और सैन्य क्षति हो चुकी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, रूसी सेना अपने हथियारों और सैन्य संसाधनों की भारी कमी से जूझ रही है।
* रूस की आर्थिक स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि उसे अपने सैन्य खर्च के लिए आपातकालीन कोष का इस्तेमाल करना पड़ रहा है।
* यूक्रेन ने रूस के महत्वपूर्ण सैन्य अड्डों, हथियार डिपो और रिफाइनरियों को निशाना बनाया है, जिससे उसकी सैन्य क्षमता कमजोर होती जा रही है।
* रूस को इस युद्ध में अब तक $300 बिलियन (लगभग 25 लाख करोड़ रुपये) से अधिक का नुकसान हो चुका है।
* हजारों रूसी सैनिक मारे जा चुके हैं, और सैनिकों की भारी कमी के कारण रूस को मजबूरन जेल के कैदियों को सेना में भर्ती करना पड़ रहा है।
इस सबके बावजूद, भारतीय मीडिया रूस की जीत का झूठा प्रचार कर रही है। यह पूरी तरह से रूस की तरफ झुकी हुई रिपोर्टिंग है, जिसमें युद्ध की वास्तविकता को छुपाया जा रहा है।
अमेरिका का यूक्रेन को समर्थन और ज़ेलेन्स्की-ट्रंप विवाद
अब तक अमेरिका ने यूक्रेन को रूस पर हमला करने से रोका हुआ था। लेकिन हाल ही में व्हाइट हाउस में अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेन्स्की के बीच हुई बहस के बाद अमेरिका ने यूक्रेन को पूरी तरह से समर्थन देने का फैसला किया है।
* अमेरिका ने यूक्रेन को उन्नत हथियारों और सैन्य तकनीक देने का निर्णय लिया है।
* अब यूक्रेन को रूस के अंदर जाकर हमला करने की भी पूरी आज़ादी मिल गई है।
* अमेरिका, NATO और यूरोपीय देशों का यूक्रेन को लगातार समर्थन मिल रहा है, जिससे रूस को भारी क्षति हो रही है।
मास्को पर हालिया ड्रोन हमला: रूस की सुरक्षा प्रणाली विफल
रूस पर हुए अब तक के सबसे बड़े ड्रोन हमले में मॉस्को और उसके आस-पास के इलाकों में भारी तबाही हुई।
* 337 ड्रोन रूसी इलाकों में प्रवेश कर चुके थे, जिनमें से 91 मॉस्को और 126 कुर्स्क पर हमला कर चुके थे।
* 3 लोगों की मौत और 18 घायल, जिनमें 3 बच्चे भी शामिल थे।
* मॉस्को के चार बड़े एयरपोर्ट्स को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा।
* कई आवासीय इमारतें और वाहन नष्ट हो गए।
* अमेरिकी अधिकारियों ने इसे रूस की सुरक्षा प्रणाली की एक बड़ी विफलता बताया।
यह हमला तब हुआ जब यूक्रेन को अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों से पूर्ण समर्थन मिलने लगा है। अब यूक्रेन सिर्फ अपने बचाव के लिए नहीं, बल्कि रूस की सैन्य ताकत को कमजोर करने के लिए हमला कर रहा है।
निष्कर्ष: भारतीय मीडिया को कब आएगी समझ?
रूस अब न सिर्फ युद्ध हार रहा है, बल्कि उसकी अर्थव्यवस्था भी तबाह हो रही है। लेकिन भारतीय न्यूज़ चैनल इस पूरी सच्चाई को जनता से छुपा रहे हैं। वे तथ्यों के बजाय सिर्फ अपनी रूसी समर्थक राय जनता के सामने परोस रहे हैं। भारतीय मीडिया की इस पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग के कारण आम जनता को युद्ध की वास्तविक स्थिति का पता ही नहीं चल पा रहा।
यह समय है कि भारतीय मीडिया अपनी रूसी भक्ति को छोड़कर वास्तविक रिपोर्टिंग करे। युद्ध का सच जनता के सामने आना चाहिए, न कि केवल रूस की जीत का झूठा प्रचार।