January 27, 2025 10:15 pm

एक तरफ जल रही थीं चिताएं, दूसरी तरफ चिता की राख से लोग खेल रहे थे होली

holi

सोशल संवाद/डेस्क : काशी के मणिकर्णिका घाट पर गुरुवार को अद्भुत नजारा देखने को मिला। यहां बड़े ही उत्साह के साथ जलती चिताओं के बीच “चिता भस्म ” की होली खेली गई। मसाने की होली खेलने के लिए मणिकर्णिका घाट के महाश्मशान पर जन सैलाब उमड़ पड़ा। ऐसी मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ मणिकर्णिका के महाश्मशान में अपने गणों के साथ चिता भस्म की होली खेलते हैं।

यह भी पढ़े : गोतिया डाह इतनी भयंकर कि सीता सोरेन ने न सिर्फ पार्टी छोड़ी बल्कि धमका भी दिया कि मुंह में अंगुली डालोगी तो नफरत के काबिल भी नहीं रहोगी

सिर्फ काशी में खेली जाती है ऐसी होली

पूरे देश में रंगों और गुलालों से होली खेली जाती है, लेकिन शिव की नगरी काशी में चिता की राख के साथ भी होली खेली जाती है। ऐसी होली पूरे विश्व में सिर्फ काशी में मनाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि  भगवान शंकर भस्म की होली अपने प्रिय गण भूत, प्रेत, पिशाच शक्तियों के साथ खेलते हैं।

विदेशी पर्यटकों ने भी उठाया लुत्फ

चिता भस्म की होली शुरू करने से पहले बाबा मसान नाथ की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। फिर बाबा की आरती करने के बाद चिता के राख से होली की शुरुआत की जाती है, जिसमें ढोल-नगाड़े और डमरू के साथ पूरा श्मशान घाट हर-हर महादेव के उद्घोष से गुंजायमान हो उठा। काशीवासियों के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों ने भी इस उत्सव का जमकर लुफ्त उठाया।

क्यों मनायी जाती है मसान की होली

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने मसान की होली की शुरुआत की थी। ऐसा माना जाता है कि रंगभरी एकादशी के दिन भगवान शंकर माता पार्वती का गौना कराने के बाद उन्हें काशी लेकर आए थे। तब उन्होंने अपने गणों के साथ रंग-गुलाल के साथ होली खेली थी, लेकिन वे श्मशान में बसने वाले भूत, प्रेत, पिशाच, यक्ष गन्धर्व, किन्नर जीव जंतु आदि के साथ होली नहीं खेल पाए थे, इसलिए रंगभरी एकादशी के एक दिन बाद भोलेनाथ ने श्मशान में रहने वाले भूत-प्रेत साथ होली खेली थी। तभी से काशी में मसान की होली खेलने की परंपरा चली आ रही है। चिता की राख से होली खेलने की वजह से ये परंपरा देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है।

काशी में खेली गई विश्व प्रसिद्ध मसाने की होली

महाश्मशान घाट पर महादेव ने अपने प्रिय गणों, भूत-प्रेत के साथ खेली  चिता भस्म की होली. पूरे विश्व में सिर्फ काशी में ही खेली जाती है चिता-भस्म की होली. पर्यटकों ने देखा दिगंबर के मसाने की होली का अद्भुत नज़ारा. भारी उत्साह के साथ जलती चिताओं के बीच “चिता भस्म “की होली.विदेशी पर्यटकों ने भी इस उत्सव का जमकर लुफ्त उठाया

Print
Facebook
Twitter
Telegram
WhatsApp
राज्यपाल को उनके पद से कौन हटा सकता है Paracetamol से होने वाले नुकसान ठंडे पानी से मुंह धोने के फायदे किन राज्यों में लागू है पेसा कानून 2024 के सबसे ज्यादा सुने गए गाने जाने कितनी बार कर सकते हैं आधार अपडेट हमेशा नीली पगड़ी क्यों पहनते थे मनमोहन सिंह Black Forest Cake का नाम Black Forest कैसे पड़ा ? क्या है Tesla car की खासियत sugar बढ़ने के लक्षण