सोशल संवाद /डेस्क : मैं 6 राज्यों और 2 Territorial Congress Committees (Jammu Kashmir and Ladakh) से आए सभी जिलाअध्यक्षों का इंदिरा भवन में स्वागत करता हूँ।आगे अपनी बात कहूं, इससे पहले आपको बताना चाहूंगा कि आज संसद का बजट सत्र समाप्त हुआ। आप सभी ने देखा होगा कि कैसे इस सरकार की प्राथमिकता जनता के भलाई के मुद्दे नहीं नहीं, देश की तरक्की के मुद्दे नहीं है बल्कि Communal Polarisation है।
सरकार रात के 4 बजे तक संसद में महँगाई, बेरोज़गारी, आर्थिक विफलता, अमेरिका के Tariff के ख़िलाफ़ बहस करने के लिए नहीं चलाती है। रात के अंधेरे में मणिपुर पर बहस कराती है ताकि चुपके से वैधानिक काम हो सके। क्या मणिपुर पर बहस सिर्फ़ एक घंटे का होना चाहिए था?
. DCC की यह हमारी तीसरी और आख़िरी मीटिंग है। इससे पहले हम 22 राज्यों और 6 Union Territories के जिला कांग्रेस अध्यक्षों से मिल चुके हैं।
5. सबसे पहले बिहार के नए जिलाध्यक्षों को बधाई देता हूं। आपकी यह पहली ही मीटिंग है जो काँग्रेस पार्टी के नए मुख्यालय में हो रही है। और इसमें राहुल गाँधी जी भी मौजूद हैं। मुझे लगता है, इससे अच्छी शुरुआत नहीं हो सकती। उत्तर प्रदेश के ज़िलाध्यक्षों का चयन भी 2 सप्ताह पूर्व हुआ है। उन्हें भी हमारी बहुत बधाई ।
. बिहार के साथियों पर तत्काल बड़ा दायित्व है। क्योंकि बिहार में इसी वर्ष सितंबर-अक्टूबर के महीने में चुनाव होना है। आपको जोर -शोर से तैयारी में लग जाना है।
असम, पश्चिमी बंगाल में अगले साल चुनाव है। और उसके अगले साल उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड का चुनाव है। इन चुनावों में हमें पूरी तैयारी और दमखम के साथ उतरना है। 8. हमें BJP-RSS की जन विरोधी और संविधान विरोधी सोच के खिलाफ लगातार लड़ना होगा। हम लड़ रहे हैं, संसद के अंदर औरबाहर भी। हमें जनता के मुद्दों को उठाना होगा। राहुल जी ने पिछले लोकसभा चुनाव के पहले भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से एक मुहीम खड़ी कर दी थी। हमें वैसी मुहिम दुबारा खड़ी करनी होगी। उनकी संविधान बचाओ मुहीम ने बीजेपी को बहुमत से रोक दिया था ।
साथियों यह साल महात्मा गांधीजी के काँग्रेस अध्यक्ष बनने की शताब्दी है। बेलगावी में अधिवेशन में हमने 2024-25 को “संगठन सशक्तिकरण” वर्ष मनाने का फैसला किया था। गांधीजी ने 1931 में लंदन में गोल मेज सम्मेलन में कहा था कि
“कांग्रेस कोटि-कोटि भूखे, नंगे, मूक प्राणियों का प्रतिनिधित्व करती है। उनकी प्रतिनिधि है जो हमारे लंबे चौड़े देश में दूर दराज के गांवों में रहते हैं। कांग्रेस की राय में जिन किन्हीं की रक्षा करनी चाहिए उन सबों को इन करोड़ों लोगों के हितों के नीचे रखना होगा। कांग्रेस इन कोटि कोटि भूखे नंगों के वास्ते अन्य सब हितों का बलिदान कर देगी।”
गांधीजी ने ये बात दरअसर गांव, देहात, कमजोर तबकों, बेजुबान लोगों के लिए कही थी, जिनकी आवाज कांग्रेस बनी।मौजूदा सरकार ग़रीब, दलित, आदिवासी, पिछड़ों के अधिकारों के ख़िलाफ़ है। इसलिए हमें ज़्यादा मजबूती से लड़ने की आवश्यकता है।
मेरा मानना है कि हमें पाँचो वर्ष चुनाव की तैयारी करने की आवश्यकता है। कोई ये सोचे कि चुनाव के 6 महीने या 1 साल पहले तैयारी करेंगे, तो ये ठीक नहीं है।
कांग्रेस के विचारों को, कार्यक्रमों को नीचे तक पहुंचाने की सबसे अहम कड़ी District President हैं। इसलिए हमने और राहुलजी ने आपसे सीधे बातचीत करने के लिए यहाँ आमंत्रित किया है।
आज बढती सांप्रदायिकता औऱ घृणा अभियान सबसे बडी चुनौती है। इससे हमें वैसे ही लड़ना है जैसे 1947-48 में कांग्रेस लड़ी थी। गांधीजी के जीवन के आखिरी दिनों में 15 से 17 नवंबर 1947 को हुई AICC की बैठक में सांप्रदायिक संस्थाओं के खिलाफ प्रस्ताव पारित हुआ था। उस बैठक में गांधीजी ने कहा था कि
“कांग्रेस पूरे देश और सभी संप्रदायों की सेविका है। सांप्रदायिक संस्थाओं और उनके विषैले सिद्धांतों का उचित उत्तर यह होगा कि कांग्रेस प्रबल जनमत तैयार करे, जिससे वे प्रभावहीन हो जायें।”
आज वही स्थिति है। हमारी सबसे बड़ी जंग सांप्रदायिक शक्तियों से हैं जो समाज के भीतर जहर फैलाने में लगी हैं, सत्ता के लालचमें एक ही धर्म के लोगों के बीच भी खाई खोदी जा रही है, भाई से भाई को लड़ाने में लगी है। हमारे पास राष्ट्रपिता महत्मा गांधी और हमारे महान नायकों का बताया रास्ता है।
इसके अलावा हमें चुनाव के प्रक्रिया पर निगरानी रखने; Voter List से छेड़- छाड़ को रोकने के लिए सभी प्रयास करने होंगे। आप अपनी टीम के साथ ईमानदारी और मुस्तैदी से काम करें । हम आपके साथ रहेंगे।
हमें भरोसा है कि आप सब हमारे संदेश को लेकर आगे जाएँगे।उसे जन जन तक पहुंचाएंगे। संगठन निर्माण के कार्य को आगे बढ़ाएँगे । काँग्रेस को और मजबूत बनाने का काम करेंगे।
इन्हीं शुभकामनाओं के साथ आप सभी का धन्यवाद! जय हिन्द – जय कांग्रेस !