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ऑपरेशन सिंदूर- भारतीय डेलिगेशन में थरूर के नाम पर विवाद:कांग्रेस बोली- हमने उनका नाम नहीं दिया; सरकार ने उन्हें एक डेलिगेशन का लीड बनाया

By Tamishree Mukherjee

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ऑपरेशन सिंदूर- भारतीय डेलिगेशन में थरूर के नाम पर विवाद

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सोशल संवाद/डेस्क : केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख बताने के लिए सर्वदलीय सांसदों के 7 डेलिगेशन बनाए हैं। ये डेलिगेशन दुनिया के बड़े देशों, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्य देशों का दौरा करेगा।

संसदीय कार्य मंत्रालय ने शनिवार को डेलिगेशन को लीड करने वाले सांसदों के नाम जारी किए। इसमें कांग्रेस से एकमात्र सांसद शशि थरूर का नाम शामिल है। अब कांग्रेस ने कहा है कि उसने केंद्र को थरूर का नाम नहीं दिया था।

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कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने X पर लिखा, ‘शुक्रवार (16 मई) सुबह संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी से बात की थी। उन्होंने विदेश भेजे जाने वाले डेलिगेशन के लिए 4 सांसदों का नाम मांगा था। कांग्रेस ने आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार के नाम दिए थे।’

थरूर बोले- सम्मानित महसूस कर रहा हूं

दूसरी तरफ, शशि थरूर ने डेलिगेशन का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी मिलने पर केंद्र का आभार जताया। उन्होंने X पर लिखा, ‘मैं हाल की घटनाओं पर हमारे देश का दृष्टिकोण रखने के लिए पांच प्रमुख देशों की राजधानियों में एक सर्वदलीय डेलिगेशन का नेतृत्व करने के लिए भारत सरकार के निमंत्रण से सम्मानित महसूस कर रहा हूं। जब राष्ट्रीय हित की बात होगी और मेरी सेवाओं की जरूरत होगी, तो मैं पीछे नहीं रहूंगा।’

इससे पहले शशि थरूर ने 8 मई को केंद्र सरकार की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान और दुनिया के लिए मजबूत संदेश है। भारत ने 26 बेकसूर नागरिकों की मौत का बदला लेने के लिए सटीक कार्रवाई की।

कांग्रेस ने कहा था- थरूर ने लक्ष्मण रेखा पार की

कांग्रेस के कई नेता ऑपरेशन सिंदूर पर केंद्र सरकार की तारीफ करने पर शशि थरूर से नाराज हैं। दिल्ली में 14 मई को कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक हुई थी। इसमें कुछ नेताओं ने थरूर की तरफ इशारा करते हुए कहा था कि यह निजी विचार व्यक्त करने का समय नहीं है, बल्कि पार्टी के आधिकारिक रुख को स्पष्ट करने का समय है। कांग्रेस एक लोकतांत्रिक पार्टी है, लेकिन लोग अपनी राय व्यक्त करते रहते हैं। इस बार थरूर ने लक्ष्मण रेखा पार कर ली है।

ओवैसी बोले- पाकिस्तान मानवता के लिए खतरा

एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों को ट्रेनिंग, फंडिंग और हथियार देकर मानवता के लिए खतरा बन गया है। पाकिस्तानी डीप स्टेट और पाकिस्तानी सेना का मकसद भारत की अर्थव्यवस्था को विफल करना और समुदायों को विभाजित करना है। ओवैसी ने कहा- ऑल पार्टी डेलीगेशन के साथ जाने पर वे विदेशी सरकारों को पाकिस्तान के इरादों के बारे में बताएंगे।

ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान खुद को इस्लाम और सभी मुसलमानों का रक्षक बताता है, लेकिन यह बकवास है। भारत में भी 20 करोड़ मुसलमान हैं और वे पाकिस्तान की हरकतों की निंदा करते हैं। पाकिस्तान 1948 से भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है और वह रुकने वाला नहीं है। ओवैसी ने कर्नल सोफिया पर विवादित बयान देने वाले मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह को कूड़ा बताया और कहा कि उन्हें भाजपा से बाहर निकाल देना चाहिए।

सुप्रिया सुले- श्रीकांत शिंदे भी डेलिगेशन का नेतृत्व करेंगे

संसदीय कार्य मंत्रालय ने डेलिगेशन का नेतृत्व करने वाले जिन 7 सांसदों के नाम जारी किए हैं, उनमें थरूर के अलावा भाजपा से रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, जदयू के संजय कुमार झा, DMK के कनिमोझी करुणानिधि, NCP (SP) की सुप्रिया सुले और शिवसेना (शिंदे गुट) के श्रीकांत एकनाथ शिंदे शामिल हैं।

इनके नेतृत्व में सातों डेलिगेशन 23 या 24 मई को भारत से रवाना होंगे। फिर अगले 10 दिनों के लिए दुनिया के बड़े देशों, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्य देशों में जाएंगे। वहां बताएंगे कि आतंकवाद के खिलाफ भारत का दृष्टिकोण क्या है और ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन क्यों और कैसे लिया गया। सूत्रों ने बताया कि सांसदों का डेलिगेशन अमेरिका, UK, दक्षिण अफ्रीका, कतर और UAE जाएगा। हालांकि सरकार की तरफ से इसकी जानकारी सामने नहीं आई है।

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