सोशल संवाद/ डेस्क: फूड साइंस एंड न्यूट्रिशन जर्नल में छपी एक नई स्टडी के अनुसार लोग पिज्जा, चिप्स और कुकीज जैसे अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड (UPF) सिर्फ स्वाद के लिए नहीं, बल्कि तनाव और भावनात्मक समस्याओं से निपटने के लिए खाते हैं।ये खाद्य पदार्थ भारी मशीनों और ढेर सारे एडिटिव्स का इस्तेमाल करके बनाए जाते हैं, जो इनके प्राकृतिक रूप को बदल देते हैं। नोवा सिस्टम इन्हें UPF नामक एक खास समूह में रखता है। विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि बार-बार ऐसा खाना खाने से आपकी सेहत को नुकसान हो सकता है।
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UPF पर ऐसे किया गया अध्ययन
इस ऑनलाइन स्टडी में शोधकर्ताओं ने UPF के सेवन, खाने की लत, मूड और हेडोनिक हंगर पर ध्यान केंद्रित किया। आपको बता दें कि हेडोनिक हंगर का मतलब है शरीर की जरूरत के हिसाब से खाने के बजाय सिर्फ स्वाद-सुख और भावनात्मक संतुष्टि के लिए चीजें खाना। यह सर्वे सितंबर 2024 से जनवरी 2025 तक तुर्की के अंकारा में 18 से 65 साल के लोगों पर किया गया। खास बात यह है कि इस सर्वे में अधूरे जवाब, मानसिक विकार और खाने के विकार वाले लोगों को जगह नहीं दी गई।
अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड सेहत के लिए कैसे अच्छे हैं?
ध्यान देने वाली बात यह है कि यूपीएफ को तैयार करने के लिए आमतौर पर एंटी-ह्यूमेक्टेंट्स, फ्लेवर बढ़ाने वाले और इमल्सीफायर्स का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे इन्हें बनाने की लागत कम हो जाती है और इनकी शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है। अहम बात यह है कि यूपीएफ से होने वाली कमाई, आक्रामक विज्ञापन, बदलती लाइफस्टाइल ने इनकी खपत काफी हद तक बढ़ा दी है। हालांकि, कम पोषक तत्व और ज्यादा फैट की वजह से यूपीएफ लोगों की सेहत के लिए खतरनाक साबित हो रहा है।
स्टडी में सामने आई यह बात
3,997 वयस्कों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि लोग भूख की वजह से नहीं, बल्कि मूड की वजह से पिज्जा और चिप्स जैसे अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड ज्यादा खाते हैं। ज्यादातर युवा थे (औसत उम्र 31.7), और 45% ने बहुत ज्यादा यूपीएफ खाया। ज्यादा यूपीएफ खाने वाले लोग कम उम्र के थे (औसत उम्र 28.8) और अक्सर अकेले रहते थे या अविवाहित थे ।