सोशल संवाद / नई दिल्ली : आदमी पार्टी ने पाकिस्तान के साथ सीजफायर की घोषणा को प्रधानमंत्री की एतिहासिक भूल बताया है। ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के दबाव में सीजफायर करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को देश से माफी मांगनी चाहिए। जब भारतीय सेना पीओके कब्जा सकती थी और बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग कर सकती थी, तब मोदी जी ने सेना को रोक दिया। इसलिए मोदी जी को बताना चाहिए कि 200 किमी सीमा के अंदर आतंकवादी कैसे आए और अब तक पकड़े क्यों नहीं गए? उन्होंने कहा कि पीएम को रैलियों में घूमने का समय है, लेकिन आतंक से पीड़ित परिवारों से मिलने का समय नहीं है।
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आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एतिहासिक भूल कर दी है। भारतीय सेना पीओके पर कब्जा कर सकती थी और बलूचिस्तान को पाकिस्तान के नक्शे से मिटाकर बांग्लादेश की तरह अलग कर सकती थी, तब प्रधानमंत्री ने सेना को रोक दिया। यह गुनाह और अपराध तो प्रधानमंत्री के जिम्मे जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए नरेंद्र मोदी को देश से माफी मांगनी चाहिए। ट्रंप के दबाव में व्यापार बंद करने की धमकी के नाम पर प्रधानमंत्री ने सीजफायर घोषित कर दिया।
संजय सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के नाम पर प्रधानमंत्री वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा कि वे चार खूंखार आतंकवादी कहां हैं, जिन्होंने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा? वे भारत की सीमा में 200 किलोमीटर अंदर कैसे घुस आए और हमले के बाद वापस कैसे चले गए? उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार इन आतंकवादियों को आज तक क्यों नहीं मार पाई। प्रधानमंत्री दिन-रात वोट बैंक की राजनीति में व्यस्त हैं, कपड़े बदल-बदलकर रैलियां कर रहे हैं और सिंदूर के सौदागर बन गए हैं। प्रधानमंत्री ने साउदी अरब से लौटने के बाद सर्वदलीय बैठक में आना जरूरी नहीं समझा, बिहार की चुनावी रैलियों, मुंबई में फिल्मी सितारों को संबोधित करने और केरल व आंध्र प्रदेश में उद्घाटनों और अब गुजरात में वोट बैंक का ऑपरेशन करने के लिए समय निकाला, लेकिन पीड़ित परिवारों से मिलने का वक्त नहीं निकाल पाए।
संजय सिंह ने प्रधानमंत्री से पूछा कि क्या प्रधानमंत्री को उन बहनों से मिलने के लिए 10 मिनट की फुर्सत नहीं है? 10 मिनट पुंछ जाने की फुर्सत नहीं मिली जहां परिवार आतंकी हमले में प्रभावित हुए। वह उनके लिए आधे घंटे का समय नहीं निकाल पाए? जितना समय वह दिन में तीन-चार बार कपड़े बदलने में लगाते हैं, उतना समय भी वह उन बहनों से मिलने के लिए नहीं निकाल पाए। मुझे नहीं पता कि प्रधानमंत्री के नसों में गर्म सिंदूर बह रहा है या नहीं, लेकिन उनके अंग-अंग में नौटंकी जरूर बह रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री हर दिन विपक्ष पर आरोप लगाने और मीडिया में चर्चा में बने रहने के लिए बयानबाजी करते हैं।
संजय सिंह ने इंडिया अलायंस के नेता और शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत का जिक्र करते हुए कहा कि राउत ने भारतीय सेना के पक्ष और उनकी बहादुरी की तारीफ में कम से कम 50 बयान दिए हैं। अगर वह मोदी जी को नहीं सुनाई पड़ता तो मुझे नहीं पता। उन्होंने बताया कि सर्वदलीय बैठक में संजय राउत ने खुलेआम कहा था कि उन आतंकवादियों को मार गिराया जाए और जिन्होंने उनकी बहनों का सिंदूर उजाड़ा, उन्हें इंडिया गेट पर फांसी दी जाए। मैं भी उस मीटिंग में मौजूद था।
संजय सिंह ने कहा कि किसी की देशभक्ति पर सवाल उठाना उनका पुराना चलन है, लेकिन इस देश के 140 करोड़ लोग देशभक्त हैं। कुछ भाजपाई हैं, जो समय-समय पर नफरत की भाषा बोलते हैं। जहां तक सवाल ऑपरेशन सिंदूर, भारतीय सेना के गौरव, बहादुरी और पराक्रम का है, सभी ने सिर झुकाकर उनको नमन किया। लेकिन उन्होंने सवाल उठाया कि जिस वक्त प्रधानमंत्री ने सीजफायर घोषित किया, उससे पूरा देश हैरान और अचंभित है। प्रधानमंत्री ने पीओके वापस लेने और बलूचिस्तान को अलग करने का मौका गंवा दिया। उनसे यह सवाल पूछा जाएगा कि आतंकवादी 200 किलोमीटर अंदर कैसे घुसे और कैसे वापस चले गए और उन्हें रैलियों में घूमने का समय निकाला, लेकिन पीड़ित परिवारों से मिलने का समय क्यों नहीं निकाला?
संजय सिंह ने कहा कि सारा विपक्ष विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहस है। सरकार को इस सत्र में हर बिंदु पर जवाब देना चाहिए। राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर आम आदमी पार्टी भारतीय सेना के साथ खड़ी है, लेकिन अगर सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के साथ खिलवाड़ करेगी, तो उससे सवाल पूछा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कोई भगवान नहीं हैं, बल्कि जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं और जनता की ओर से उनके मन में उठने वाले सवाल पूछना उनका दायित्व है।