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राहुल का आरोप- EC ने BJP के साथ चुनाव चुराया: महाराष्ट्र में 40 लाख संदिग्ध नाम, कर्नाटक में भी फर्जीवाड़ा

By Muskan Thakur

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Rahul's allegation- EC snatched the election away from BJP

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सोशल संवाद/डेस्क : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को वोटर लिस्ट में गड़बड पर 1 घंटे 11 मिनट तक 22 पेज का प्रजेंटेशन दिया। राहुल ने स्क्रीन पर कर्नाटक की वोटर लिस्ट दिखाते हुए कहा, वोटर लिस्ट में संदिग्ध वोटर मौजूद हैं।

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उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के नतीजे देखने के बाद हमारा शक पुख्ता हुआ कि चुनाव में चोरी हुई है। मशीन रीडेबल वोटर लिस्ट नहीं देने से हमें भरोसा हुआ कि चुनाव आयोग ने भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र के चुनाव की चोरी की है।

राहुल ने कहा कि हमने यहां वोट चोरी का एक मॉडल पेश किया, मुझे लगता है कि इसी मॉडल का प्रयोग देश की कई लोकसभाओं और विधानसभाओं में हुआ। कर्नाटक में एक ही व्यक्ति का नाम अलग-अलग बूथ की वोटर लिस्ट में मौजूद है। लिस्ट में कई जगह लोगों के फोटो नहीं हैं। वहीं, कई जगह फर्जी पते लिखे गए हैं।

शुरुआत कर्नाटक से की, महादेवपुरा सीट पर 1 लाख वोट चोरी

कर्नाटक की महादेवपुरा असेंबली सीट की वोटर लिस्ट स्क्रीन पर दिखाते हुए राहुल ने कहा कि यहां के 6.5 लाख वोट में से 1 लाख वोटों की चोरी हुई है। कांग्रेस की रिसर्च में यहां एक लाख के करीब गलत पता और एक ही पते पर बल्क वोटर और डुप्लीकेट वोटर्स का पता चला।

कर्नाटक में हमें 16 सीटों पर जीत मिलती, लेकिन हम सिर्फ 9 सीटों पर जीते। हमने इन सात हारी हुई सीटों में से एक सीट पर जांच-पड़ताल की, वो सीट थी बेंगलुरु सेंट्रल। इस सीट पर कांग्रेस को 6,26,208 वोट मिले।
भाजपा को 6,58,915 वोट मिले। दोनों पार्टियों को मिले वोटों का अंतर सिर्फ 32,707 था। वहीं जब महादेवपुरा असेंबली सीट पर वोटिंग हुई तो दोनों पार्टियों के बीच वोट का अंतर 1,14,046 का रहा। राहुल ने कहा- इस हिसाब से देखें तो 1 लाख से ज्यादा वोटों की चोरी हुई। ये वोट चोरी पांच प्रकार से की गई थी।

फिर महाराष्ट्र और हरियाणा का जिक्र

महाराष्ट्र में 40 लाख फर्जी नाम: महाराष्ट्र में चंद महीने में लाखों मतदाताओं के नाम सूची में जोड़े गए, जो काफी चिंताजनक है। 40 लाख वोटर रहस्यमयी हैं। यहां पांच महीने में कई वोटर जोड़े गए। वोटर लिस्ट को लेकर चुनाव आयोग जवाब देना चाहिए। उन्हें बताना चाहिए कि चाहिए कि क्या वोटर लिस्ट सही है या गलत। शाम पांच बजे के बाद वोटर टर्नआउट का बढ़ना भी हैरान करने वाला है। शाम पांच बजे के बाद वोटिंग क्यों बढ़े? चुनाव आयोग इसका जवाब दें। कांग्रेस पार्टी ने वोटों की धांधली के मामले में चुनाव आयोग से सवाल पूछे हैं, लेकिन आयोग ने एक भी जवाब नहीं दिया। हमें वोटों की चोरी पकड़ने में छह महीने का वक्त लगा है।

हरियाणा में हार के लिए वोटर लिस्ट को जिम्मेदार बताया: ये गड़बड़ियां इसलिए हैं क्योंकि चुनाव आयोग वोटर्स का डेटा उपलब्ध नहीं कराता। उन्होंने आरोप लगाया कि इस वजह से वोटों की चोरी हो रही है। हरियाणा में कांग्रेस की हार के लिए उन्होंने इन गड़बड़ियों को ही जिम्मेदार बताया।

बताया- 6 महीने में 7 फीट तक ऊंचे पेपर्स खंगाले, सबूत जुटाए

राहुल ने बताया कि लाखों पेपर्स की मैनुअली चेकिंग के बाद हमने ये सबूत जुटाए हैं। अगर इन पेपर्स को एक गड्डी बनाकर रख दिया जाए तो यह 7 फीट ऊंचा हो जाएगा। सबूतों को जुटाने में करीब 6 महीने का वक्त लगा। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि चुनाव आयोग ने जानबूझकर हमें नॉन मशीन रीडेबल पेपर्स मुहैया कराए। ताकि इन्हें मशीन से स्कैन न किया जा सके।

राहुल ने प्रेजेंटेशन में दिखाया, 5 तरह से होती है वोट चोरी

डुप्लीकेट वोटर्स: 11,965: राहुल का दावा- वोटर लिस्ट में एक ही शख्स कई जगह नजर आया। हर बार उसका बूथ नंबर अलग था। 11 हजार संदिग्ध ऐसे हैं, जिन्होंने तीन-तीन बार वोट डाला। ये लोग कहां से आ रहे हैं?

फेक एड्रेस: 40,009 वोटर्स: राहुल का दावा- बेंगलुरु सेंट्रल में 40 हजार से ज्यादा वोटर्स का पता फर्जी पाया गया। उन पतों पर कोई नहीं रह रहा था, तो फिर वोट किसने डाला। एक ही पते पर 46 वोटर्स हैं।

एक पते पर कई वोटर्स: राहुल का तीसरा दावा- एक पते पर कई वोटर्स मिले। बूथ नंबर 470 पर लिस्टेड 35 नंबर के घर पर 80 मतदाता मिले। वहीं ऐसे ही दूसरे घर में एक साथ 46 वोटर्स लिस्ट किए गए।

अवैध फोटो: राहुल का दावा- 4132 वोटर्स ऐसे थे जिनकी वोटर आईडी में तस्वीर इनवैलिड थी। कुछ तस्वीरें इतनी छोटी थीं कि उन्हें पहचानना मुश्किल था। तो फिर उन्होंने वोट कैसे डाल दिया।

फॉर्म -6 से फर्जीवाड़ा: 70 साल की शकुन रानी ने एक महीने के अंदर दो बार वोटर आईडी कार्ड बनवाने के लिए फॉर्म 6 भरा। एक बार उनकी तस्वीर दूर से खींची गई थी। दूसरी बार उन्होंने जूम करके तस्वीर लगाई। फॉर्म 6 वह

फॉर्म है जिससे कोई भी नया मतदाता, यानी जिसने पहले कभी वोटर कार्ड नहीं बनवाया है। वह अपना नाम मतदाता सूची में जुड़वाने के लिए आवेदन करता है।

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