सोशल संवाद/डेस्क : बिहार में जाति आधारित गणना में अलग-अलग जातियों की पहचान के लिए 214 अंकों के जरिए अलग-अलग कोड तैयार किए गए हैं। जिनके आधार पर जनगणना होंगी और भविष्य में जातियों की पहचान की जाएगी। नोटिफिकेशन में बाकायदा थर्ड जेंडर के लिये भी अलग कोड संख्या 22 एवं सन्यासी के लिये कोड संख्या 51 निर्धारित की गई है।
ईसाई में तो वर्गीकरण तक किया गया है कि हरिजन ईसाई की कोड संख्या 9 और ओबीसी ईसाई की कोड संख्या 10 होगी. साथ ही इदरीसी मुस्लिम कोड 7, ईटफरोश मुस्लिम 8, कसाब मुस्लिम 17, चीक मुस्लिम 62, चुड़ीहार मुस्लिम 64, जट मुस्लिम 69, ठकुराई मुस्लिम 74, डफाली मुस्लिम 75, धनिया मुस्लिम 94, धोबी मुस्लिम 96, नट मुस्लिम 98, नालबंद मुस्लिम 102, पठान 105, पमरिया मुस्लिम 106, बक्खो मुस्लिम 118, भठियारा मुस्लिम 135, भाट मुस्लिम 137, मडरिया मुस्लिम 145, मदारी मुस्लिम 147, मलिक मुस्लिम 150, मुकेरी मुस्लिम 156, मिरियासीन मुस्लिम 159, मेहतर, लालबेगीया, हलालखोर, भंगी मुस्लिम 160, मोमिन मुस्लिम 161, मोरशिकार मुस्लिम 162, राईन या कुंजरा मुस्लिम 167, रंगरेज मुस्लिम 173, साई,फकीर मुस्लिम 183, सुरजापुरी मुस्लिम 188, सैकलगर मुस्लिम 191 एवं सैयद का कोड 193 होगा। यानी मुस्लिम वर्गीकरण के लिये लगभग 31 कोड आवंटित किये गए हैं।
वर्गीकरण के दौरान मेहतर और भंगी, मोची और चर्मकार, रविदास और
पूर्वी सिंहभूम जिला अग्रवाल सम्मेलन के जिलाध्यक्ष संदीप मुरारका, महासचिव अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, कोषाध्यक्ष पीयूष अग्रवाल, उपाध्यक्ष सन्नी संघी एवं झारखंड प्रादेशिक अग्रवाल सम्मेलन के प्रदेश प्रवक्ता कमल किशोर अग्रवाल, अग्रवाल युवा मंच के अध्यक्ष रोहित अग्रवाल, महासचिव महेश भाऊका ने बिहार सरकार के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि अठारह गोत्रिय अग्रवाल, महेश्वरी, खंडेलवाल, ओसवाल, जैन, राजस्थानी सोनार, मारवाड़ी ब्राह्मण जातियों का स्पष्ट वर्गीकरण करते हुये अलग अलग कोड निर्धारण किये जाएं।