सोशल संवाद / जमशेदपुर : जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय ने कहा है कि मानगो पेयजल परियोजना की स्थिति तथा जमशेदपुर में क़ानून व्यवस्था की स्थिति दिन-प्रतिदिन बद से बदतर होते जा रही है। यही स्थिति साफ़-सफ़ाई एवं कचरा प्रबंधन की भी है। सरकारी तंत्र का निकम्मापन और दायित्व निर्वहन के प्रति उपेक्षा का भाव इसका कारण है। सतत प्रयास के बावजूद इनमें सुधार नहीं होने से जनमानस आक्रोशित है। इसके विरुद्ध कल, गुरुवार को सुबह 10 बजे से उपायुक्त कार्यालय पर आक्रोशपूर्ण धरना आयोजित है। स्थिति नहीं सुधरी तो आंदोलन उग्र होगा।
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यहां जारी एक बयान में सरयू राय ने कहा कि विगत पांच महीनों से वह और उनके सहयोगी मानगो पेयजल परियोजना में सुधार लाने के लिए प्रयासरत हैं। कई वर्षों से बंद पड़ी पृथ्वी पार्क की पानी टंकी चालू कराई गई। इंटेक वेल से लेकर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तथा सभी पानी की टंकियों में लगे मोटर पंपों को बदलने के लिए विभाग के सचिव तक से योजना स्वीकृत कराई गई। पेयजल स्वच्छता विभाग के सिविल एवं मैकेनिकल ब्रांच के अधीक्षण अभियंताओं का संयुक सर्वेक्षण हुआ। मानगो नगर निगम को निधि विमुक्त करने के लिए तैयार किया गया। पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त ने एक अधिकारी की अध्यक्षता में मानगो नगर निगम और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता की संयुक्त समिति पेयजल परियोजना क देखरेख के लिए बनाई। कई इलाकों में पाइपलाइन में गैप को जोड़ा गया, वॉल्ब तक बदले गये परंतु पेयजल आपूर्ति में सुधार नहीं हुआ। उल्टे पेयजलापूर्ति में व्यवधान उपस्थित हो रहा है। रोज़ाना परियोजना के किसी न किसी अंग में ख़राबी आ जा रही है।
राय ने कहा कि वह इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि विभागीय अधिकारियों में परियोजना के प्रति गंभीरता का अभाव है। पेयजल स्वच्छता विभाग और नगर निगम में तालमेल का अभाव है। खुद पेयजल स्वच्छता विभाग के सिविल और मेकेनिकल विंग में तालमेल का अभाव है। बालीगुमा क्षेत्र में पानी की टंकी चार साल से तैयार खड़ी है। इलाक़े में पाइपलाइन बिछ गई परंतु एनएच पार करने के लिए 10 लाख रूपये एनएच विभाग के नहीं दिये जा रहे हैं। आश्चर्य यह कि पैसा विभाग के पास पड़ा हुआ है।
सरयू राय ने कहा कि सबसे ख़राब हालत तो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन की है। यहीं से पानी को साफ़ होने के बाद टंकियों में भेजा जाता है। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में गाद भर गई है। इसका संचालन करने के लिए ज़िम्मेदार मानव बल नहीं हैं। कई वर्षों से जो जमात वहां काम कर रही है, उसका निहित स्वार्थ हो गया है। इसमें आमूलचूल बदलाव की ज़रूरत है। किसी क्षेत्र में 20 मिनट तो कहीं 5 मिनट के लिए जलापूर्ति होती है। कहीं लगातार पानी की आपूर्ति हो रही है। नतीजा यह कि पेयजल परियोजना के बावजूद टैंकर से पानी भेजना पड़ रहा है। ऐसी ही स्थिति वहां साफ़-सफ़ाई और ठोस कचरा प्रबंधन की भी है। विधायक सरयू राय ने कहा कि कुल मिलाकर मानगो पेयजल परियोजना ध्वस्त होने के कगार पर है। सरकार में सर्वोच्च स्तर का हस्तक्षेप भी कारगर नहीं हो रहा है तो जन दबाव बनाना अब ज़रूरी हो चला है। इसलिए गुरुवार को इस मुद्दे पर आक्रोशपूर्ण धरना आयोजित है।
राय ने कहा कि विडम्बना है कि जमशेदपुर में क़ानून-व्यवस्था की स्थिति भी बदतर हो गई है। संगठित अपराध की घटनाएं तो अपनी जगह हैं ही, दिनदहाड़े चोरी, छिनतई की घटनाएं भी अब आम हो गई हैं। महिलाओं का घुमना-फिरना सुरक्षित नहीं रह गया है। सार्वजनिक जगहों पर, जिनमें उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय भी शामिल हैं, महिलाओं के साथ छिनतई आम बात हो गई है। लोगों के बीच असुरक्षा की भावना घर कर गई है। प्रशासन और पुलिस का ध्यान इस ओर खींचना और जमशेदपुर में जन सुरक्षा सुनिश्चत कराना आक्रोशपूर्ण धरना का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने आम जन से अपील की है कि वे गुरुवार को धरना कार्यक्रम में शामिल होकर अपना आक्रोश व्यक्त करें ताकि प्रशासन और पुलिस का रवैया बदला जा सके, मानगो पेयजल परियोजना को सुचारू रूप से चलाया जा सके।