सोशल संवाद / डेस्क : जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का सोमवार दोपहर दिल्ली स्थित राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल में निधन हो गया। वे 79 वर्ष के थे और बीते कई महीनों से गंभीर रूप से बीमार चल रहे थे। उनके निजी सचिव केएस राणा ने निधन की पुष्टि करते हुए बताया कि मलिक ने दोपहर 1:12 बजे अंतिम सांस ली।
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लंबे समय से चल रहा था इलाज
11 मई को सत्यपाल मलिक को पेशाब से जुड़ी दिक्कत के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच के बाद पता चला कि वे किडनी की गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। हालत बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया और वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था।
उनका इलाज RML अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. महापात्रा की निगरानी में हो रहा था। मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर और किडनी संबंधी बीमारियों से वे लंबे समय से पीड़ित थे।
कई राज्यों के राज्यपाल रह चुके थे
सत्यपाल मलिक ने अपने लंबे राजनीतिक जीवन में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वे बिहार, गोवा, मेघालय और जम्मू-कश्मीर जैसे प्रमुख राज्यों में राज्यपाल रह चुके थे। उनके निधन से राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों में शोक की लहर दौड़ गई है। देश के कई बड़े नेताओं ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर श्रद्धांजलि अर्पित की है।
अनुच्छेद 370 के हटने के समय जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल
मलिक को उनके कार्यकाल में लिए गए ऐतिहासिक फैसलों के लिए याद किया जाएगा। अगस्त 2019 में जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया, तब सत्यपाल मलिक ही राज्यपाल थे। इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया गया। उनके इस कार्यकाल को जम्मू-कश्मीर के भविष्य के लिए निर्णायक माना गया, क्योंकि इसके बाद राज्य में आतंकवादी घटनाओं में गिरावट और प्रशासनिक सुधार देखे गए।
देश ने खोया एक अनुभवी नेता
राजनीति में सक्रिय रहते हुए सत्यपाल मलिक ने कई बार जनता और व्यवस्था के पक्ष में खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने सरकार की नीतियों की आलोचना करने में भी कभी संकोच नहीं किया। उनके व्यक्तित्व को एक स्पष्टवादी और बेबाक नेता के रूप में देखा जाता रहा है।
सत्यपाल मलिक का निधन भारतीय राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है। वे न केवल राज्यपाल के रूप में बल्कि एक मुखर और सजग राजनेता के तौर पर देश को अपनी सेवाएं देते रहे। देश उन्हें हमेशा एक निर्भीक और नीतिपरक नेता के रूप में याद रखेगा।सत्यपाल मलिक नहीं रहे: पूर्व राज्यपाल का 79 वर्ष की उम्र में निधन








