सोशल संवाद/ डेस्क: जैक 10 बोर्ड परीक्षा का परिणाम जारी हो गया है। जिसमें पूर्वी सिंहभूम जिला के ग्रामीण इलाके से दो छात्र संयुक्त रूप से कोल्हान टॉपर बने हैं। दोनों छात्र किसान परिवार से हैं। एक का सपना इंजीनियर बनने का है तो दूसरा AI या साइबर की पढ़ाई करना चाहता है।
पटमदा के आदिवासी प्लस टू हाई स्कूल बांगुड़दा के छात्र शुभम पात्र और भूमिका मिश्रा को 97.40 प्रतिशत (487) अंक के साथ स्टेट टॉप टेन में स्थान बनाने में सफलता हासिल किया है। जैक बोर्ड द्वारा मंगलवार को जारी मैट्रिक परीक्षा परिणाम पूर्वी सिंहभूम जिले के पटमदा प्रखंड के लिए खुशी का पैगाम लेकर आया है। दोनों जिले का संयुक्त टॉपर भी बने हैं।
छात्रा भूमिका मिश्रा को मैथ में उसे 100 अंक, कंप्यूटर में 99 अंक, साइंस में 98 अंक, इंग्लिश में 96 अंक, सोशल साइंस में 94 अंक और हिंदी में 89 अंक मिले हैं। भूमिका मिश्रा की मां हाउस वाइफ हैं और पिता हेमंत मिश्रा किसान हैं। भूमिका मिश्रा बताया कि आगे की पढ़ाई कर कुछ बेहतर कर माता-पिता का सहारा बनना चाहती हैं। पढ़ाई में स्कूल की टीचर का पूरा स्पोर्ट मिला।
पापा के मोबाइल का इस्तेमाल कर मैंने पढ़ाई की। भूमिका ने बताया कि आगे वो कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करना चाहती है। साथ ही नई टेक्नोलजी AI के अलावा वो साइबर की पढ़ाई करना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि मैट्रिक के रिजल्ट से खुश हूं, लेकिन सपना अभी अधूरा है। उसे पूरा करना मेरा लक्ष्य है।
वहीं शुभम भी बांगुड़दा आदिवासी प्लस टू हाइ स्कूल का छात्र है. शुभम ने बताया की मैथ में उसे 99 नंबर, कंप्यूटर में 99 नंबर, इंग्लिश में 98 अंक, सोशल साइंस में 97 अंक, साइंस में 94 अंक और हिंदी में 90 अंक मिले हैं
कमलपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत राखडीह गांव निवासी किसान हेमंत कुमार मिश्रा की बेटी एवं प्रगतिशील किसान श्रीमंत कुमार मिश्रा की भतीजी है भूमिका। भूमिका दो बहनों में छोटी और उसके एक भाई भी हैं। जबकि कमलपुर के ही षड़ंगीडीह निवासी किसान कौशिक कुमार पात्र का बड़ा बेटा है शुभम। उसके चाचा सनत कुमार पात्र आदिवासी प्लस टू हाई स्कूल बांगुड़दा में अनुबंध पर मीडिया एंड एंटरटेनमेंट के शिक्षक हैं।
प्रसन्नता व्यक्त करते हुए विद्यालय के प्राचार्य सुजीत कुमार सेठ एवं सहायक शिक्षक प्राणकृष्ण कुंभकार ने बताया कि पिछले 3 सालों के गैप के बाद इस बार फिर से टॉपर देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है इसका श्रेय शिक्षकों का मार्गदर्शन और छात्र -छात्राओं की कड़ी मेहनत को जाता है। शुभम और भूमिका दोनों ही आगे इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहते हैं।