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स्मार्टफोन एडिक्शन सेहत के लिए खतरा ! जानिए इसके नुकसान और बचाव के आसान उपाय

By Riya Kumari

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Smartphone addiction is a health hazard

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सोशल संवाद / डेस्क : आज की डिजिटल लाइफ में स्मार्टफोन हमारी रोज़मर्रा का अहम हिस्सा बन चुका है। सुबह उठने से लेकर रात सोने तक, हम घंटों फोन पर समय बिताते हैं। शुरुआत में यह ज़रूरी लगता है, लेकिन धीरे-धीरे यह आदत स्मार्टफोन एडिक्शन में बदल जाती है। यह लत शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित करती है।

यह भी पढे : अलार्म स्नूज करना क्यों है खतरनाक? जानिए नींद, दिमाग और दिल पर इसके असर

स्मार्टफोन एडिक्शन से होने वाली बीमारियाँ

1. मांसपेशियों और हड्डियों की समस्या

  • लंबे समय तक एक ही पोज़िशन में बैठने से गर्दन, पीठ और कंधों में दर्द होता है।
  • लगातार झुककर देखने से टेक नेक (Tech Neck) की समस्या बढ़ती है।
  • उंगलियों और अंगूठे पर दबाव पड़ने से टेक्स्टिंग थम्ब (Texting Thumb) हो सकता है।

इंडियन जर्नल ऑफ ऑर्थोपेडिक्स (2023) के अनुसार, मोबाइल इस्तेमाल करने वालों में 62% लोग गर्दन दर्द की शिकायत करते हैं।

2. मानसिक स्वास्थ्य पर असर

  • सोशल मीडिया और गेमिंग दिमाग को थका देते हैं।
  • नींद कम होती है, जिससे स्लीप डिप्रिवेशन होता है।
  • बच्चों में चिड़चिड़ापन और ध्यान की कमी आम समस्या है।
  • धीरे-धीरे एंग्ज़ायटी और डिप्रेशन का खतरा बढ़ जाता है।

WHO रिपोर्ट (2022) बताती है कि डिजिटल लत से जूझ रहे युवाओं में 30% तक डिप्रेशन के लक्षण पाए जाते हैं।

3. आंखों पर खतरा

  • स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट आंखों के लिए हानिकारक है।
  • लगातार स्क्रीन देखने से आंखें सूखना, धुंधला दिखना और ड्राई आई सिंड्रोम हो सकता है।
  • लंबे समय में चश्मे का नंबर बढ़ सकता है।

4. मोटापा और आलस्य

  • फोन इस्तेमाल के दौरान शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है।
  • लगातार बैठे रहने से ब्लड सर्कुलेशन खराब होता है।
  • इससे मोटापा, डायबिटीज़ और हार्ट डिजीज़ का खतरा बढ़ जाता है।

ICMR (2024) के मुताबिक, भारत में हर 4 में से 1 युवा ओवरवेट है और इसकी बड़ी वजह स्क्रीन टाइम और कम शारीरिक गतिविधि है।

5. नींद की समस्या

  • रात को देर तक मोबाइल स्क्रॉल करने से नींद बाधित होती है।
  • दिमाग एक्टिव रहने के कारण नींद आने में दिक्कत होती है।
  • लंबे समय तक ऐसा करने से क्रॉनिक स्लीप डिसऑर्डर हो सकता है।

स्मार्टफोन एडिक्शन से बचने के उपाय

  • रोज़ाना स्क्रीन टाइम लिमिट तय करें।
  • सोने से कम से कम 1 घंटा पहले फोन का इस्तेमाल बंद करें।
  • परिवार और दोस्तों से आमने-सामने बातचीत बढ़ाएँ।
  • शारीरिक गतिविधि और योग को डेली रूटीन में शामिल करें।
  • डिजिटल डिटॉक्स वीकेंड प्लान करें।

FAQ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1. स्मार्टफोन एडिक्शन की पहचान कैसे करें?

  • अगर आप बिना वजह बार-बार फोन चेक करते हैं और फोन न मिलने पर बेचैन हो जाते हैं, तो यह लत का संकेत है।

Q2. क्या ब्लू लाइट से आंखों की रोशनी कम होती है?

  • हाँ, लंबे समय तक ब्लू लाइट एक्सपोज़र से आंखों की रोशनी पर बुरा असर पड़ता है।

Q3. बच्चों को स्मार्टफोन कितने समय देना चाहिए?

  • WHO के अनुसार, 5 से 17 साल के बच्चों को अधिकतम 1-2 घंटे स्क्रीन टाइम ही देना चाहिए।

Q4. क्या स्मार्टफोन एडिक्शन से नींद की बीमारी हो सकती है?

  • हाँ, लंबे समय तक यह स्लीप डिसऑर्डर का कारण बन सकता है।

स्मार्टफोन हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा है, लेकिन इसकी लत सेहत के लिए ज़हर साबित हो सकती है। समझदारी यही है कि हम फोन का इस्तेमाल जरूरत तक सीमित रखें और डिजिटल डिटॉक्स की आदत डालें।

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