सोशल संवाद/डेस्क : 23 महीने से जेल में बंद सपा नेता आजम खान रिहा हो गए हैं। जेल के अंदर से ही कार में बैठकर बाहर निकले। उन्होंने हाथ हिलाकर समर्थकों का अभिवादन किया। दोनों बेटे अदीब और अब्दुल्ला उन्हें लेने पहुंचे। आज जेल से सीधा रामपुर जा रहे हैं।आजम खान को लेने के लिए मुरादाबाद सांसद रुचि वीरा और 200 से ज्यादा कार्यकर्ता पहुंचे। हालांकि, पुलिस ने धारा-144 का हवाला देकर समर्थकों को जेल से दूर कर दिया। पुलिस ने 25 कार्यकर्ताओं की गाड़ियों का चालान भी काटा। कहा- ये सब नो पार्किंग जोन में खड़ी थीं।

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आजम की रिहाई पहले सुबह 9 बजे होनी थी, लेकिन कागजी कार्रवाई के दौरान नया पेंच फंस गया। आजम पर रामपुर कोर्ट में एक केस चल रहा था, जिसमें 6 हजार रुपए के जुर्माने के आदेश हुए। उन्होंने जुर्माना नहीं भरा था।
10 बजे कोर्ट खुलते ही एक रिश्तेदार ने रामपुर कोर्ट में जुर्माने की रकम जमा की। वहां से ईमेल के जरिए सूचना सीतापुर जेल भेजी गई। इसके बाद 12.30 बजे उनकी रिहाई हुई।
दिन पहले हाईकोर्ट ने जमानत दी थी
आजम के खिलाफ 104 मुकदमे दर्ज हैं। 5 दिन पहले हाईकोर्ट ने उन्हें बीयर बार पर कब्जे से जुड़े मुकदमे में जमानत दी थी। तभी पुलिस ने शत्रु संपत्ति मामले में नई धाराएं जोड़ दीं। 20 सितंबर को रामपुर कोर्ट ने इन धाराओं को खारिज कर दिया, जिससे रिहाई का रास्ता साफ हो गया। यह आखिरी मुकदमा था, जिस पर आजम को जमानत मिलनी बाकी थी।
अखिलेश बोले- आजम को मुसलमान होने की मिली सजा
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आजम खान की रिहाई को लेकर कहा- उन्हें झूठे केस में फंसाया गया था। आज वह जेल से रिहा हुए। सभी के लिए खुशी का दिन है। आने वाले समय में सभी केस खत्म होंगे।
हर फर्जी केस सपा सरकार में वापस लिया जाएगा। मैं ही नहीं, भाजपा में बैठे लोगों ने भी कहा है कि आजम खान को मुसलमान होने की सजा मिली।








