January 22, 2025 12:36 pm

अक्षय तृतीया पर देवघर में खास तैयारी, महास्नान के बाद बाबा बैद्यनाथ का होगा महाशृंगार

सोशल संवाद/डेस्क : देवघर, संजीव मिश्रा-अक्षय तृतीया इस बार दस मई (शुक्रवार) को है. इस दिन का खास महत्व है. देवघर बाबा नगरी में इस शुभ दिन पर कई धार्मिक अनुष्ठान होंगे. मंदिर प्रबंधन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. बाबा को महास्नान कराने के बाद महाशृंगार किया जाएगा. शाम सात बजे से मंदिर में पूजा शुरू होगी. मान्यता है इस दिन धातु खास कर सोना खरीदने का खास महत्व है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन खरीदारी करने से धन की वृद्धि होती है.

बाबा भोलेनाथ का होगा महाशृंगार
झारखंड के बाबा मंदिर (बाबा बैद्यनाथ धाम) में इस तिथि का खास महत्व है. ऐसे तो बाबा बैद्यनाथ का हर दिन शृंगार होता है और इसके बाद पूजा की जाती है, लेकिन इस खास तिथि पर बाबा भोलेनाथ का महाशृंगार किया जाएगा. इसके लिए मंदिर प्रबंधन ने तैयारी शुरू कर दी है.

परंपरा के अनुसार बाबा बैद्यनाथ का होगा महाशृंगार
इस संबंध में मुख्य प्रबंधक रमेश परिहस्त ने बताया कि बाबा मंदिर परंपरा के अनुसार ही चलता है. अक्षय तृतीया पर पिछले साल जिस तरह से बाबा का महाशृंगार हुआ था. इस बार भी बाबा का महाशृंगार किया जाएगा. इसके लिए तैयारी शुरू हो गयी है. पूजा एवं दान की सामग्री देखी जा रही है.

बाबा को कराया जाएगा महास्नान
आपको बता दें कि इस पूजा को करने का अधिकार बाबा मंदिर के महंत को ही है. चली आ रही परंपरा के अनुसार बाबा का महाशृंगार शुक्रवार की शाम सात बजे से मंदिर के महंत सह सरदार पंडा श्रीश्री गुलाल नंद ओझा करेंगे. आचार्य के तौर पर इस पूजा में पुरोहित श्रीनाथ पंडित रहेंगे. इस पूजा में बाबा को महास्नान कराया जाएगा. इसके साथ ही गृहस्थ जीवन से संबंधित सामग्री दान की जाएगी. सारी सामग्री को बाबा मंदिर के मंझला खंड में रखा जाएगा. ये पूजा करीब दो घंटे तक चलेगी.

दर्जनों जगहों पर शरबत पीलाने की परंपरा
बाबा मंदिर में चली आ रही परंपरा के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन सुबह से ही धार्मिक संगठनों के द्वारा राहगीरों को शरबत पीलाया जाएगा. इसमें बाबा मंदिर के अलावा मुख्य रूप से शिवगंगातट स्थित पुस्ताकलय, बमबम-बाबा आश्रम, हंसकूप आश्रम, श्रीराम आश्रम सहित कई जगहों पर लोग निजी तौर पर भी लोगों को शरबत पीलाएंगे. मान्यता है कि वैशाख मास अक्षय तृतीया के दिन लोगों को पानी, शरबत आदि पीलाने से लोगों की आत्मा को तृप्ति मिलती है. अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.

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